Ajay Kumar Prajapati   (✍ak_writes_zindagi)
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Joined 18 September 2019


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Joined 18 September 2019
25 JUN 2023 AT 14:28

“जीवन की एक कड़वी सच्चाई
ये भी है,
कि आधे रिश्ते तो
लोग इसलिए निभाते हैं,
क्योंकि
भविष्य में उनसे काम पड़ सकता है”

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22 JUN 2023 AT 11:10

हर किसी में नहीं होती
भीड़ में चलने ख्वाहिशें..

खुद की दुनिया उसमे
अपना आसमान..
न नफरतें न कोई साजिशें

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19 AUG 2022 AT 9:44

Poetry

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7 AUG 2022 AT 19:46

कि उससे मेरी अच्छी जान पहचान।
दिल में प्यार ,थोड़ा हसी मज़ाक है ,
दोस्त इसलिए ख़ास है

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2 JUL 2022 AT 21:24

पहचान काम से होती है ,नाम से नही
क़िस्मत मेहनत से बदलती है , आराम से नही

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1 JUL 2022 AT 21:47

ज़िंदगी चाहे दिन हो या रात हो ,
उम्र का आख़िरी लम्हा भी तेरे साथ हो !

चाहे दिल मे रहो, या यादों में
ज़िक्र जब भी हो ,तेरी बात हो !

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30 JUN 2022 AT 22:02

क्यूं छिपाती हो , अपनी शक्सियत ,ए हवा !
जब किसी परिंदे ने तुम्हें देखा ही नहीं

मिलाती हों नज़र, आंसू बहते हैं ,
सांसों में रहकर हक़ जताती ही नहीं

सीरत में शांति, तेवर में तूफान लिए
पहाड़ो के सामने भी सिर झुकाती ही नहीं

बदल दी काया नीर बनकर ,फिर भी
बारिश के साथ मिलकर जिस्म जलाती ही नही


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4 MAY 2022 AT 21:38

कभी दिल कहे,हमसे मिलने ना आना ,
ख्यालों में अपने ,हमे न बुलाना ,
ये दौलत वफा की , तुम्हें ही मुबारक,
कहानी हमारी ,दिलों की शरारत
मैं चाहूं तुम्हें ,पता न लगाना
आकर करके वापस ,हमें न रुलाना

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11 APR 2022 AT 20:12

यूं छोटी छोटी बातों में ,
रूठ न जाया करो ,
हमे मानने का हुनर
थोड़ा कम आता है 🥰

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26 MAR 2022 AT 22:20

रिश्ता एक तरफा
नहीं था मेरा ,
तेरा होना
एक तोहफा था मेरा
यकीन था कि
तू भी देखती है ,
रात में ख़्वाब मेरा ,
बस कबूल उसे न हुआ
वो ऊपर वाले ,
ये कसूर था तेरा ।
किसे दिखाते अहले दिल
के ज़ख्म बता ,
तेरे शिवा कोई
अपना नही था मेरा ।


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