Ajay Kumar   (Aj@y...)
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Joined 3 October 2019


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24 OCT 2022 AT 6:37



शुभं करोति कल्याणम् आरोग्यम् धनसंपदा । शत्रुबुद्धिविनाशाय दीपकाय नमोऽस्तु ते॥
दीपो ज्योति परं ब्रह्म दीपो ज्योतिर्जनार्दनः ।
दीपो हरतु मे पापं संध्यादीप नमोऽस्तु ते॥

दीपावली के पावन पर्व की आपको सपरिवार हार्दिक मंगलकामनाएं।
प्रत्येक दिए कि तरह आपका जीवन रोशनी मय हो
प्रथम पूज्य गौरी पुत्र गणेश, माता लक्ष्मी, मां अन्नपूर्णा एवं भगवान् कुबेर की कृपा बनी रहे ।

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29 SEP 2022 AT 17:01

तुम्हें लड़ना होगा...
कभी खुद से तो कभी दूसरों से
लड़ना होगा तुम्हें अपने दिल से ,
की अब बहुत हो गया तेरा
अब दिमाग की सुननी पड़ेगी।
लड़ना होगा अपनी आदतों से,
उन्हें बदलने के लिए ।
लड़ना होगा अपने आज से,
आने वाले अच्छे कल के लिए।
लड़ना होगा उस वर्तमान से,
जो दुःख देता है निराश करता है।
लड़ना होगा तुम्हें उस हार से,
उसे जीत मैं बदलने के लिए।
तुम्हें लड़ना होगा...


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1 SEP 2022 AT 14:37

डूबा नहीं ढल रहा हूं मैं सूर्य की तरह
पर तुम देखना जब पूरा ढल जाऊंगा तो
उगूंगा जरुर में एक रात के बाद।

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15 JUL 2022 AT 2:16

ये जो तुम सोच लेते हो कि बस हो गया अब और नहीं
ये तुम्हें नकारात्मकता से भर देता है दुःख देता है
जीवन है दुःख आएंगे तो सुख भी आएंगे
तुम सिर्फ चलते रहो कुछ जाने कुछ अंजाने रास्तों पर
बस रुको नहीं....प्रेम करो परिश्रम करो
क्यूंकि प्रेम के बिना कुछ भी पा लेने का कोई महत्व नहीं है
कभी कुछ गलत हुआ है तो कुछ सही भी होगा
और सिर्फ इतना सोचो कि तुम आगे बड़ सको....

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25 JUN 2022 AT 22:35

कोई समझे ना समझे पर
हम अपने घर के इतने जिम्मेदार बेटे तो है ही
कि मुहोब्बत हार के नहीं काट सकते अपने हाथों की नसें
नहीं पी सकते शराब उसे भुलाने के लिए
हां लिख सकते है उसकी बेबफाई पर कुछ शब्द
जो शायद कोई दिल से पड़ेगा तो पाएगा की
उन शब्दों में प्रयोग श्याही मेरे लहू से ली गई है
और किसी शराब से ज्यादा नशा उन शब्दों में है।

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22 JUN 2022 AT 0:23

मेरे दिल की डायरी में तेरा ही ज़िक्र है
हर पंक्ति मैं तुझसे प्यार हर पन्ने पर तेरा नाम है
हर खयाल हर अल्फाज़ में सिर्फ तेरी ही फिक्र है
मेरे दिल की डायरी में तेरा ही ज़िक्र है

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4 JUN 2022 AT 16:59

अब खुश रहेंगे यार
अब नहीं होंगे उदास किसी को याद करके
किसी के सपने देख कर किसी को चाह कर
अब अपनी जिंदगी अपने तरीके से जिएंगे
जब मन करेगा उठेंगे जब मन करेगा सो जायेंगे
बंद कर देंगे किसी के सामने खुद को साबित करना
किसी को बताना की तुम कितने खास हो मेरे लिए
अब आदत डाल लेंगे खुश रहने की
क्योंकि अब सीख रहे हैं की
सारी खुशियां एक शख्स से तो नहीं हो सकती
अब सीख लेंगे घड़ी की तरह चलना
शाम की तरह ढलना और फिर सूर्य की तरह निकलना
अब मिटा देंगे झूठी आकांक्षा किसी से वापस मिलने की
उसे फिर से जोर से गले लगाने की और प्यार जताने कि
क्योंकि लगता है अब सब ख़त्म हो रहा है
वो वादे वो इरादे वो लगाव वो मोह
अब सिर्फ खुश रहेंगे।

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23 MAY 2022 AT 13:15

कभी कभी लगता है गलत पड़ गया यार
इन सब में जब पता था दोस्तों का हाल
जब खुद संभाला था अपनों को टूटने से
और सलाह दी थी उनको जीने की
आगे बड़ने की हालत से लड़ने की
सिखाया था उनको की हाल मेट्रो की तरह है
एक छूटते ही लोग दूसरी पकड़ लेते है
मंजिल मिल ना मिले लोग रास्तों का मजा लेते हैं
और कुछ हद तक ये बातें सच भी हुई
पर अपनों को संभालते संभालते ये
भूल गया खुद कैसे संभलना है
समझाया खूब लेकिन शायद समझ नहीं पाया
वो दर्द वो पीड़ा जो उनने महसूस की होगी उस वक्त
उस एक शख्स के लिए जिसने उसके मन को मोह लिया था
जिसने कभी कहा था कि तुम दूसरो की तरह रुलाओगे नही
और अगर वही रुला दे तो इंसान किस तरह टूट जाता है
ये महसूस नहीं कर सका

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1 MAY 2022 AT 22:55

हमारी मुहोब्ब्त सिर्फ
एक तरफा ही नही
इतनी गैर ज़रूरी है उनके लिए
जितनी लोगों के लिए सिग्लन पर लगी लाल लाइट 🙂

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21 APR 2022 AT 10:56

हर कोई राधा सा प्रेम चाहता है
पर प्रेम तो मीरा सा समर्पण चाहता है

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