तुमसे ही मेरे रात और मेरे दिन की शुरुआत होती है तुम्हारे मिज़ाज़ पर ही मेरा मिजाज निर्भर करती है गलती पे तुम्हारे हर एक माफी पे एक ही बात मेरे जहन मे आती है मै तुमसे नाराज तो रहना चाहता हूँ..... मगर ये कम्बख्त इश्क़ मुझे तुमसे थोड़ी देर के लिए नाराज भी कहाँ रहने देती है!