दिलफगार कोई अब दर्द ले कर जाए कैसे?ज़ख़्म देने वाले ने जब बात दवा की छेड़ दी.वक़्त जब यहाँ मिरी रुख़सती की थी आई,उसने महफ़िल में बात वफ़ा की छेड़ दी. - अजय अरुण
दिलफगार कोई अब दर्द ले कर जाए कैसे?ज़ख़्म देने वाले ने जब बात दवा की छेड़ दी.वक़्त जब यहाँ मिरी रुख़सती की थी आई,उसने महफ़िल में बात वफ़ा की छेड़ दी.
- अजय अरुण