इस "भरी गर्मी" में कुछ तो "सुकून" आ जाए,
या तो तू आ जाए या फिर "मानसून" आ जाए !!-
दिल नरम
दिमाग गरम
इस "भरी गर्मी" में कुछ तो "सुकून" आ जाए,
या तो तू आ जाए या फिर "मानसून" आ जाए !!-
लिखा था राशी में आज खजाना मिलेगा;
गुजरे एक गली से और दोस्त पुराना मिल गया।-
तेरी ज़मीन पे करता रहा हूँ मज़दूरी
है सूखने को पसीना मुआवज़ा है कहाँ
Happy Labour Day-
यारा तेरी यारी को
मैंने तो खुदा माना
पर तूने अपने यार को
अच्छे से नहीं पहचाना-
चंद सिक्कों के लिए हाथ फैला देते हैं
मोदी जी ऐसे धन्धा बंद क्यों नहीं करवा देते हैं-