अल्फ़ाज़ो में पिरोया था
चंद लम्हों को मैंने
थम गया था वक्त
जो आया था लफ़्ज़ों से मिलने।-
Bcz I express what I see ...
#navodayan
#being... read more
कुछ यादें थी कुछ फ़साने थे
कुछ बातें थी कुछ तराने थे
तरानों के साज़ भी पुराने थे
पुराने होकर भी प्यारे फ़साने थे।-
वक्त की पाबंदियों में
बंदिशे जो मिली थीं।
बंधे थे हम लेकिन
जाने कैसी आज़ादी थी।
बेड़ियां थी हाथों में पर
कलाईया खुली थी।
स्याही थी सुखी लेकिन
कलम ना रुकी थी।
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Morning are all about
A fresh start... Learn from yesterday and make a better version of it - 'that's today' ..
You will always find hope under the cover of darkness...-
चल दिए कहीं ढूंढ़ने सुकून
मिलेगा शायद रहकर दूर
पर वक्त और हालात को मंजूर ना था
और मोड़ दिए रास्ते
फिर से
उन्हीं गुज़री यादों की ओर...-
बांध रखा था, वो लम्हा कैसे गुज़रा
यही सवाल, उस समय से था
यादें ताज़ा थी उसकी अभी भी
सोचा लौट आएगा कुछ देर बाद
पर गुज़र गया वो बांधा लम्हा
बंद करते हुए लौटने का प्यारा नज़ारा।-
आसमान के तारों का दिवाना
वो एक तारा जो था जमीं पर
रोज़ देखा करता था उन्हें
कुछ अचंभित सा,
जैसे ढूंढ़ रहा था कोई रिश्ता
मानो पूछ रहा हो वजह
उन तारों से ना अपनाने की,
न्यौता मिला उसे, तारों में शामिल होने का
तब जाना, जमीं पर तो बहुतायत
केवल झूठे तारों की झिलमिलाहट ही थी
जब तक उस तारे की अहमियत जानती ये जमीं
तब तक जा चुका था वो
शामिल होने उन तारों में
जिनका दिवाना था वो, एक ज़माने में।-
It's not necessary,
how you think of a person will make him think of you the same way...-
कह दिया उस चांद ने भी
शायद मिल गया था उसे भी कोई
जो कभी ना करता था गम की बाते
ना सुनाता था किस्से दूरियों के
पड़ गए हम फ़िर अकेले इतने की,
अब तो चांद भी न था साथ।-