अब क्या हासिल होना बाकी है
किस रह पर चली है जिंदगी
कुछ खबर नहीं
मंजिल अगर ऐसी है तो हमें कोई चाह नहीं
आए जिंदगी तू जिस राह पर चली है
चली चल
हम भी खड़े हैं हौसले रखे
तू आजमा कर चली चल आए जिंदगी
तू चली चल...-
कहते हैं कि अगर लफ्जों से जज़्बात बयान किया जाए तो वो इश्क कैसा
यार आँखें पढ़े तो क्या बात होगी-
Everything will be the same
The only thing that will change is the calendar...
Anyways .....
Happy New Year..-
एक अरसे बाद याद आया कि कोरे पन्नो पर कुछ यादें उत्तरी जाए...
कुछ अपने दिल की और कुछ तुम्हारी लिखी जाए
अक्सर कोरे पन्नो कुछ खास लिखा जाए
तुम दिल की धड़कन हो ये दिल को समझाया जाए
और पन्ने की आखिर में तुम्हारा नाम लिख दिया जाए..-
उन्हे जिस्म की तलब थी
हम बेवकूफ उनसे दिल लगा बैठे
हम उनसे इश्क की उम्मीद लगा बैठे
कुछ सायद टूटना बाकी था अपना
वो कसर भी पूरी कर बैठे-
अब नही है ख्वाहिश के तुम से बात हो
एक मुलाकात हो
अरमान दिल के दिल ही दिल में
दब गए हैं
अब नही है आरजू के तुम से बात हो-
ख्वाबों के रास्ते न जाने कब तुम दिल के गहराइयों में उत्तर से गए हो....
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