यूं तो लमहा लम्हा तेरी यादे साथ रहती है
पर आज की बात कुछ अलग है
आज तुम रफ्ता रफ्ता जहन में उत्तर रहे हो
और आंखो के रास्ते चालक रहे हो
बताओ तुम आज इतना क्यों याद आ रहे हो
क्या तुम भी मेरे यादों में रो रहे हो
आज की बात ही अलग है
ए हम नशी तुम ही तुम याद आ रहे हो..
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