न नींद इन आँखों में थी,
न सुकूँ अब चाँदनी रातों में थी,
कुछ ऐसा हाल मेरा तुम कर गए हो।।-
Ahtesham Parween
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ख़मोश मन
Joined 25 June 2021
15 JUN 2023 AT 4:44
13 JUN 2023 AT 22:24
ज़ज्बात बयान कर नहीं पाए हम,
वो समझे उनका फ़रेब पकड़ नहीं पाए हम।।-
3 JUN 2023 AT 0:52
देखों न लोग क्या कहते हैं मुझसे,
की गुजरा हुआ ख्याल हो गई हूँ मैं।।-
3 JUN 2023 AT 0:47
क्या इतना आशान होता है,
कैद में रेह कर आज़ाद होना।।
नहीं मुश्किल होता है आज़ाद हो कर कैद रहना।।।-
3 JUN 2023 AT 0:08
अब याद कुछ नहीं रहता है मुझे,
एक वेहम सा हो गया है मुझे,
दिन में अँधेरा और रात में सवेरा,
बस यही वेहम हो गया है मुझे।।-
2 JUN 2023 AT 23:58
वो केहता है घरवाले दूर करदेंगे हम दोनों को,
ये बहाना भी दूर जा कर दिया है तुमने।।-
2 JUN 2023 AT 23:51
वो केहता है, चली जाओ ।।
ज़रा पूछो उसे जाना कहाँ है।।
रास्ता देखा ही नहीं तुम्हारे सिवा।।-
2 JUN 2023 AT 23:46
सच्च क्या था ? मैं आज भी धोख़े में हूँ,
झूठ क्या था? मैं आज भी भरोसे में हूँ।।-