प्यार ना मिले तो प्यार की ख्वाहिश
प्यार मिल जाए तो बिछड़ने का गम
किस्मत से परेशान आशिक ये सारे
ए ख़ुदा तू ही बता कहां जाएं हम-
आईने मे ख़ुद को इतना ना निहारा करो तुम
कभी वक़्त मिले तो अपना सदका उतारा करो तुम
वक़्त है अभी हाथ थाम लो हमारा
जो बिछड़ गए तो बोहत याद आयेंगे हम— % &-
कुछ जज़्बात ऐसे भी जो दिखाए नहीं जाते
कुछ अल्फाज़ ऐसे भी जो सुनाएं नहीं जाते
नज़रें भी बयां करती हैं राज़ कुछ दिल के
कुछ राज़ ऐसे हैं जो सबको बताएं नहीं जाते-
जब भी पूछा क्या हमें मोहब्बत नहीं मानते
हर बार यही जवाब मिला हम नहीं जानते
इश्क़ था तभी तस्वीर संभाल कर रखते थे उसकी
वरना युं ही नहीं एक काग़ज़ के टुकड़े को अपनी जान मानते-
वो पूछते नहीं हैं हाल अब हमारा
ना बताते हैं मिलना कब होगा दोबारा
ऐतराज़ जताऊं तो ख़ामोश हो जाते हैं
बताइए क्या इतना भी हक नहीं है हमारा-
ख़ुशमिज़ाज चेहरे मायूस नज़र आते हैं
हम पास होते हुए भी कितने दूर नज़र आते हैं
जो देखकर हमें मुस्कुराया करते थे कभी
अब मुलाकात होने पर नज़रें चुराते हैं-
मुझे तुमसे कोई शिकवा नही है
मुझे तुमसे कोई गिला नही है
अब तो हर अदा अच्छी लगती है तुम्हारी
यक़ीनन तुमसा अबतक कोई मिला नही है-
चलो तुम्हे अपने संघर्ष की कहानी सुनाता हूँ
कैसे निराशावादीयों का पराक्रम से परिचय कराता हूँ
लहरों के शोर में नाव का पाल लगता हूँ
इंद्र के क्रोध को अपना वरदान बनाता हूँ
चक्रवात हो या ज्वार हो कश्ती का बीड़ा उठाता हूँ
अंधेरी रातों में आशा की मशाल जालाता हूँ
भटक ना जाऊ अत: तारों से अनुमान लगता हूँ
मनोबल बना रहे इसलिए वीरों के गीत गुनगुनाता हूँ
ठान लिया जो एक बार तो नौका को पार लगता हूँ
चलो तुम्हे अपने संघर्ष की कहानी सुनाता हूँ
-
उसने आके कहा कल शादी है उसकी
मैंने भी पूछ लिया अब बारी है किसकी
उसने नाराज़ होकर कहा मत आना तुम
मैने कहा हम भी तो देखें बर्बादी है किसकी-