अहसास -ए- कलम   (© Er.Rajeev "ऋतुज"✍)
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Joined 24 February 2019


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Joined 24 February 2019

मुझे भी खुदा से बड़ी शिकायतें थी,
आज देखा जो लोगो को मौन रह गया।

मुझे भी मखमली बिछौने से शिकायत थी,
फुटपाथ पर देख लोगो को मौन रह गया।

ब्रांडेड जूते ही पहनने का मुझे सौक था,
बिन चप्पलों के लोग देख मौन रह गया।

मुझे हजारो की तनख्वाह कम ही लगी,
बिन पैसो के गुजारा देख मौन रह गया।

अपने घर की छत कम ही लगी,
बिन छत के गुजारा देख मौन रह गया।

हम अपनो से रिश्ते निभा नही पाते,
गैरों का लगाव देख मौन रह गया।

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19 NOV 2023 AT 23:03

समय के साथ बदलती तो हर एक चीज है ..
मैने बहुत करीब से देखा है मौसम,दिन व इंसान को।

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" तुम मुसाफ़िर थे,जाना तो तय था,
हम चिराग़ बनकर राह मे जलते रहे।"

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18 NOV 2023 AT 23:15

"पतझड़ मे पत्तों का टूटना तो तय है,
टूटे पत्तों को उठा ले जो वो क्या किसी मरहम से कम है।"

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16 NOV 2023 AT 22:16

जिम्मेदारियां भी क्या खूब फर्ज निभाती हैं,
शहर से गाँव ,फिर गाँव से शहर बुला लाती हैं।

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" The person who tries to keep everyone happy & and always cares for everyone is always the most lonely person."

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बहुत कुछ सोचकर आज ये सोचा हूँ,
हर इक से रिश्ते निभाना ही छोड़ दूँ।

टूटे पत्ते टहनियों से,तो अब क्या फ़र्क,
यूँ बेवजह सबको उठाना ही छोड़ दूँ।

मोम से पिघले दिल को पत्थर बना दिया,
पत्थर दिल से रिश्ता निभाना ही छोड़ दूँ।

यूँ तो सूरजमुखी सा झुक जाता मै रिश्तो मे
कोई ताड़ सा तन जाए तो झुकाना छोड़ दूँ।

यूँ तो मंजिल तक साथ देता था मैं राह मे,
कोई राह ही बदल ले तो निभाना छोड़ दूँ।

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15 OCT 2023 AT 21:19

" जरूरत खुद की हो तो दौड़कर आते ही हैं लोग,
देखना तो ये है कि मुसीबत मे साथ देता है कौन।"

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31 AUG 2023 AT 16:02

नजरें झुकाकर मिलना
किसी से गलत तो नही,
पराई बहन को बहन
समझना गलत तो नही।

सभी रिश्तों मे सबसे प्यारी
होती हैं हमारी बहने,
किसी बहन की राखी
बांधना गलत तो नही।

सबसे मजबूत होती है
हमारी बहनो की डोर,
ऐसे पावन डोर मे बंध
जाना गलत तो नही।

यूं तो अक्सर बनते देखा
है बहुत बनावटी रिश्ते,
मुझे अच्छा लगा बहन का
रिश्ता,तो गलत तो नही।

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जाने क्यों,गाँव को भी लोग शहर बना देते हैं,
एक कमरा माँ को, बाकी मकां बना देते हैं।

घर छोड़के लोग चले जाते हैं बड़े शहरों में,
अपने ही घर में खुद को मेहमां बना देते हैं।

घर में माँ बाप व एक खाली सा पड़ा कमरा,
किरायेदारों के लिए उनको पहरेदार बना देते हैं।

बहुत महंगे कुत्ते पाल लेते हैं वो बड़ी खुशी से,
माँ को साथ रखने मे बहाने हजार बना लेते हैं।

खुद घूमते एसी कार में व सोते मखमली गद्दों पर,
माँ की टपकती छत व खुले किवाड़ लगा देते हैं।

खुद करते पार्टी व फिजूल खर्च दुनियाभर के
माँ की दवाई के लिए बहाने हजार बना देते हैं।

वो निभाते हैं रिश्तें दुनियाभर के,बेवजह ही,
अपनो से निभाने मे बहाने हजार बना लेते हैं।

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