इब्तिदाई दिनों में अच्छा लगता है
फिर दिसंबर जान को आने लगता है-
Aviation lover
Ex-Brownwoodian
Former Student at Alpine
Managing Director At SaSa I... read more
تمہاری گھلاتفہمیاں تمہی کو مبارک
ہمارے دل کے حال خدا جانتا ہے
Tumhari Ghalatfehmiya'n tumhi ko mubarak
Humare Dil ka haal khuda janta hai-
खुश जमाल मौसम में है जलाल की बारिश
जैसे नरम लहजे से हो इश्तिआ'ल की बारिश
तू नहीं तो फिर जाना क्यूं हसीं लगे मौसम
आंधियां अलम की है और मलाल की बारिश
फिर ज़मीनी रिश्तों पर काई जमती जाती है
आसमां से होती है जब ज़वाल की बारिश
हां घटाएं तो गम की मेरे दिल पे छाई थी
आंखो से हुई तेरी क्यूं कमाल की बारिश
शेर तब महकते हैं इक गुलाब की मानिंद
ज़हन ओ दिल पे होती है जब ख्याल की बारिश
कतरे मेरी आंखो के ज़ख्म ए दिल जलाते हैं
याद आती है जब पिछले साल की बारिश
जिस्म ओ जां सुलगते हैं हिज्र की तमाज़त से
है नहीं क्या मुक़द्दर में विसाल की बारिश-
इस बार भी नसीब तेरी दीद ना हुई
फिर हमको रंज ओ गम ही मिला ईद ना हुई-
किसी की ईद गुज़रेगी किसी पे ईद गुज़रेगी
क़यामत सी बताऊं क्या जो मेरे दिल पे उतरेगी-
ईमान फिर हमारा हो ईमान की तरह
हर दिन जो ज़िन्दगी का हो रमज़ान की तरह
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Guroor kahe ka Tune bhi maine Bhi ek din Ho jana Faut
Khuda Keh raha hai na Quran mein Kullu nafsin zaiqatul maut-
छोटी सी ज़िंदगी में बड़ा सा ग़म हुआ
आज तेरे बग़ैर एक साल कम हुआ-
Dear All Friends,
Thank you! Thank you, everyone, for the lovely birthday wishes. The years have gone by so fast and God has blessed me with a wonderful family and friends.
Regards
Ahmed Shahbaz-
یہ حسد ہے یہ جلن ہے اور یہ راہ فلاں ہے
دیکھ لو کونسا راستہ ہے اچھا کونسا راستہ نہیں
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