ahalfbook   (ahalfbook)
136 Followers · 66 Following

read more
Joined 23 June 2020


read more
Joined 23 June 2020
29 MAY 2021 AT 19:51

मज़बूरियों की इन्तहा ना पूछो
दुःख भी बड़ी खुशी से मना रहा हूँ ।

-


22 FEB 2021 AT 22:07

तो बहरे को भी सुनता है

-


17 FEB 2021 AT 10:45

एक block ka option
तो तेरी यादों के लिये भी होना चाहिये

-


16 FEB 2021 AT 9:22

और एक दीया ही काफी है
उजाले के लिये।

-


15 FEB 2021 AT 22:46

जो कभी सुरूर था दिल का
वही फिर दिल को अखरने लगे
कटते ना थे कुछ पल भी जिन के बिना
बिन उनके
पहले घँटे, फिर पहर , फिर दिन गुजरने लगे ।

-


14 FEB 2021 AT 23:22


ये प्यार का मौसम खत्म हो तो थोड़ा सुकून मिले ।

-


11 FEB 2021 AT 23:35

एक गुलाब हमारा भी था उन गुलाबों में
जो सूख गए, तेरी दहलीज पर पड़े पड़े ।

-


10 FEB 2021 AT 22:33

गिरा के ही समझाना जरूरी है क्या जिंदगी ?
तू समझा के भी तो समझा सकती है ।

-


9 FEB 2021 AT 23:19

कितना मुश्किल होता है कुछ कहना
जब कुछ ना कहना हो ।

-


8 FEB 2021 AT 22:48

ये देख के खाली हाथ लौट आए
वहाँ जिसने भी खरीदा था गुलाब
तेरे लिये ही खरीदा था ।

-


Fetching ahalfbook Quotes