आसान नहीं होता है कॉम्प्लिकेटेड और टूटी-बिखरी लड़कियों से प्रेम निभाना,
आपको लगता है कि आप प्यार कर लेंगे और वो ठीक हो जाएँगी,
पहले से जो ज़ख़्म मिले हैं वो भर जाएँगे आपकी बातों से,
ग़लत सोचते हैं,
बातें नहीं वक़्त उन ज़ख्मों को भरता है,
प्रेम नहीं सिर्फ़, संयम चाहिए होता है उनको समझने के लिए,
आपको हर दिन दुहरानी पड़ती है अपनी ही बात
कि,
मुहब्बत है तुमसे,
साथ रहेंगे तुम्हारे
तुम अब अकेली नहीं हो मेरी जान,
फिर भी शायद आपको उन लड़कियों की आँखों में प्रेम के बदले सवाल ही दिखेगा,
आप शायद सोचते हैं कि कर लेंगे प्रेम ऐसी किसी लड़की से
लेकिन यक़ीन जानिए
आप निभा बिलकुल नहीं पाएँगे,
आसान नहीं है किसी टूटे दिल में अपने लिए मुहब्बत जगा पाना!
#anuroy-
गुज़रते दिसम्बर की कुछ आख़िरी शामें
ठीक वैसे ही छूटती जान पड़ती है
जैसे स्टेशन पर ट्रेन छूटने से पहले
महबूब का हाथ कस कर थामीं खड़ी कोई लड़की,
जो शायद आख़िरी बार मिल रही हो अपने साथी से
इसके बाद अगले लग्न में
महबूब किसी और का दूल्हा बन जाएगा
वो हाथ किसी और का हो जाएगा,
कैसा तो मन हो रहा होता होगा उस पल में उस लड़की का,
हाथों से हाथ छूटते हुए,
कुछ-कुछ मेरा मन भी वैसे ही डूबता सा लगता है
कस कर रोक लूँ इस दिसम्बर को
गले से लगा लूँ
साल के इस आख़िरी महीने की पीठ पर कितने ही ज़ख़्म, डूबते रिश्तों की कसक,असफ़लताओं की कड़वाहट लोग रख कर छोड़ दिए होंगे,
मैं उस दिसम्बर की उस दर्द भरी पीठ का मरहम होना चाहती हूँ,
पूरी बाँहें फैला कर ख़ुद की ख़ुशबू से उसे तर कर देना चाहती हूँ,
के जाते हुए किसी को अकेले नहीं होना चाहिए
चाहे वो इंसान हो या साल का आख़िरी महीना
मेरा उदास दिसम्बर!✨
#अनु_रॉय✍️
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सुनो
ओ स्त्री....
अपनी ख़ुशी टांगने को तुम कंधे क्यों तलाशती हो?
कमज़ोर हो, ये वहम क्यों पालती हो?
ख़ुश रहो के ये काजल तुम्हारी आँखों मे आकर संवर जाता है,
ख़ुश रहो के कालिख़ को तुम निखार देती हो।
ख़ुश रहो के तुम्हारा माथा बिंदिया की ख़ुशकिस्मती है,
ख़ुश रहो के तुम्हारा रोम रोम बेशकीमती है।
खुश रहो के तुम न होतीं तो क्या क्या न होता,
न मकानों के घर हुए होते, न आसरा होता।
न रसोइयों से खुशबुएँ ममता की, उड़ रही होतीं,
न त्योहारों पर महफिलें सज रही होतीं।
ख़ुश रहो के तुम बिन कुछ नहीं है,
तुम्हारे हुस्न से ये आसमां दिलकश और ये ज़मीं हसीं है।
ख़ुश रहो के रब ने तुम्हें पैदा ही ख़ुद मुख़्तार किया ,
फिर क्यों किसी और को तुमने अपनी मुस्कानों का हक़दार किया ?
ख़ुश रहो, जान लो के तुम क्या हो
चांद सूरज हरियाली हवा हो।
खुशियाँ देती हो, खुशियां पा भी लो
कभी बेबात गुनगुना भी लो।
अपनी मुस्कुराहटों के फूलों को अपने संघर्ष की मिट्टी में खिलने दो,
अपने पंखों की ताकत को नया आसमान मिलने दो।
और हां मेरी जां
मत ढूंढो कंधे...
के सहारे सरक जाया करते हैं....
#सुनो_तुम_हरगिज_कमज़ोर_नही_हो🙂❤️❤️🙂-
धन-धान्य से परिपूर्ण जीवन की कामना के साथ आप धनतेरस के पावन पर्व की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।
ईश्वर से प्रार्थना है कि धनतेरस का यह पर्व आप के जीवन में सुख, समृद्धि, शांति, सौभाग्य और उत्तम स्वास्थ्य लेकर आए।
#शुभ_दीपोत्सव🤗❤️🙌🙏😌-
फ़्लाइट की विंडो सीट जो आपके लिए छोड़ दे,
जब तक आपको लग़ेज नहीं मिले तब तक आपके लिए वो रुका रहे,
और जाते वक़्त दूर से देख कर मुस्कुराते रहें ये जानते हुए भी कि आप शायद ज़िंदगी में उनको दुबारा कभी नहीं दिखेंगी…सबसे दिलकश होते हैं!
काश, कोई उनको बता दे कि उन्हें भी याद रखा जाएगा हमेशा.
उनकी स्माइल चलेगी लड़की के साथ कई दिनों तक.
कि लड़की जब भी फ़्लाइट में बैठेगी सोचेगी उनके बारे में
कि जाते ऑक्टूबर की ख़ुशनुमा याद बन कर रहेंगे वो.
और हाँ, नम्बर नहीं माँगा उन्होंने
अगर माँगते तो शायद इतने प्यारे नहीं लगते
लेकिन नहीं माँगा तो लड़की को अब लग रहा है कि माँग ही लेते,
नम्बर ही तो था!
#आसमानीक़िस्से😌❤️
#अनु_रॉय🤗-
नींद कहाँ रह जाती है फिर आँखों में
चाँद किसी टहनी पे जब टिक जाता है
-ज़ुबैर आलम ✍🏻
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तुलसी के बीरे-सी पवित्र,
संस्कार में पिरोई _बेटियाँ
पतझर या सावन की हवाओं में
चिड़िया- सी उड़ जाती हैं
❤️
#चिड़ियाउड़गई-
क्या सुरमई आँखों का ख़्वाब भी सुनहरा हुआ करता हैं?आसमान मे तरबूज की कटी फांक सा आधा चांद देखते हुए यकबयक मुझे ये खयाल आया..फिर तो उन ख़्वाबों मे भरने को ढेर सारा सुनहरा रंग चाहिए.. काश वो रंगरेज हुआ करता..मैं अपनी ओढ़नी उससे सुनहरी रंगवा लेती,और अपनी चांद रातों के ख़्वाब भी💕
#सुनो_जाना ✍️❤️🤘-