Afzal Sultanpuri   (Afzal Sultanpuri)
3.2k Followers · 33 Following

#Urdu_student
लिखने की कोशिश बस
Joined 5 September 2017


#Urdu_student
लिखने की कोशिश बस
Joined 5 September 2017
29 JUL AT 19:16

ज़िंदगी इस तरह गुज़ारे हैं
मौत के जी रहे सहारे हैं

पाँव रखते ही फंस भी सकते हैं
ऐसी दरिया के हम किनारे हैं

आख़िरी मर्तबा मोहब्बत की
आख़िरी मर्तबा भी हारे हैं

आसमानों में धुंध छाई है
मेरी गर्दिश के ये सितारे है

मैं किसी काम का नहीं शायद
देख बेघर नदी के धारे हैं

लाल यूँ ही नहीं हुआ रुखसार
ये तमाचे हैं, ख़ुद को मारे हैं

-


10 JUL AT 21:05

लगता हमें यही था फ़क़त हम हैं प्यार में
हम भी शुमार हो गए हैं उसके यार में

इक रोज़ पढ़ रहा था मैं उसकी कहानियाँ
ये भी ख़बर छपी हुई थी इश्तिहार में

वो लौटकर न आएगा लगता था ये मुझे
क्या मौत आयेगी मुझे अब इंतिज़ार में

तारीख़ याद है मुझे वो दिन था आज का
लब चूमकर कहा कि ये है यादगार में

-


31 MAY AT 1:14

वक़्त के पीर में नहीं हो तुम,
मेरी तहरीर में नहीं हो तुम,

रोज आते हो मेरे ख़्वाबों में
मेरी ताबीर में नहीं हो तुम,

चूमकर हाथ मुझसे ये बोली
मेरी तकदीर में नहीं हो तुम,

गैलरी में हज़ार फोटो हैं
साथ तस्वीर में नहीं हो तुम,

तुम हमारी गिरफ्त में हो पर
मेरी ज़ंजीर में नहीं जो तुम,

-


1 MAY AT 16:05

वक़्त के साथ-साथ चलते हैं
शाम होते ही घर निकलते हैं

कटघरे में खड़ा मिला राँझा
हीर बोली थी भाग चलते हैं

आपको क्या पता मोहब्बत का
आप तो चादरें बदलते हैं

उम्र की बात ही ख़सारा है
बर्फ़ जैसे क्यों हम पिघलते हैं

जिसकी हसरत थी वो नहीं हासिल
अब चिता संग हम भी जलते हैं

क्यों तक़ल्लुफ़ करें जहाँ भर की
इश्क़ में हाथ सब ही मलते हैं

उनसे अब बात भी नहीं होती
हम भी कमरें से कम निकलते हैं

-


24 APR AT 13:18

उसकी तहरीर देख लेता हूँ,
सुर्ख शमशीर देख लेता हूँ,

मुझको तन्हाई देखना हो जब
राँझे में हीर देख लेता हूँ,

इश्क़ करने कि जो नसीहत दे
ऐसे कुछ पीर देख लेता हूँ,

दिल अगर इंकलाब करता है
अपनी ज़ंजीर देख लेता हूँ,

मुझको जन्नत भी देखना था और
सो मैं कश्मीर देख लेता हूँ,

फोन पर बात होनी मुश्किल है
उसकी तस्वीर देख लेता हूँ,

-


14 APR AT 14:30

तुम्हारे शहर तो आता रहूँगा
मगर इस दिल को समझाता रहूँगा

हमारा फोन नंबर लिख के रखना
किया जब कॉल बतलाता रहूँगा

शहादत दो मुहब्बत एक से है
नहीं तो बात मैं दोहराता रहूँगा

मुझे तुम भूलने पर ज़ोर देना
तुम्हें जब याद मैं आता रहूँगा

रहूँगा दूर तेरी दस्तरस से
मगर तुमको नज़र आता रहूँगा

मुझे तुम छोड़कर जाओ कहीं भी
तुम्हारे ख़्वाब में आता रहूँगा

-


31 JAN AT 21:30

आँखें बता रही हैं मोहब्बत तुझे भी है
चाहत बता रही है ज़रूरत तुझे भी है

इक रोज़ इस अज़ाब से बाहर निकल गए
उल्फ़त बता रही है अज़ीयत तुझे भी है

हम दोस्ती का हाथ बढ़ाते रहे मगर
फिर ये ख़बर हुआ कि अदावत तुझे भी है

गर्दन को चूमने का इरादा किया था मैं
फिर होंठ ने कहा कि इनायत तुझे भी है

दो चार दाँव खेल के मालूम ये हुआ
बिल्कुल हमारे जैसे महारत तुझे भी है

-


13 NOV 2024 AT 21:48

जिस्म से रूह में उतरना है
जो है ख़ाली जगह वो भरना है

चाहते हैं सभी के मर जाऊँ
मारो मुझको मुझे तो मरना है

हम मोहब्बत के अब नहीं क़ाबिल
हो सके जो भी मुझको करना है

वो गले से नहीं लगायेगा
उसके पैरों में सर को रखना है

मुझको समझा रही है ये दुनिया
तुम हो पागल तुम्हें तो मरना है

मौत को हम मज़ाक समझे थे
यार अफ़ज़ल तुम्हें तो डरना है

-


9 NOV 2024 AT 2:08

हर बात है वही पर मतलब बदल गए हैं
पहले नहीं थे ऐसे वो अब बदल गए हैं

इक दिन वो बोल बैठी हो बेवक़ूफ़ कितने
उम्मीद क्यों लगाई जब सब बदल गए हैं

हो हम मुनाफ़िक़ों को कैसे नसीब मोमिन
दोनों उसी ख़ुदा के पर रब बदल गए हैं

वादा किया था हमने कि साथ हम रहेंगे
जिस शौक से थे बोले वो लब बदल गए हैं

ये कैसा है ता'अल्लुक़ न दोस्ती मोहब्बत
देखो ये काफिरों के मज़हब बदल गए हैं

अफ़ज़ल को मौत आए ये कर रहे दुआ हम
होगी दुआ मुकम्मल कि मंसब बदल गए हैं

-


6 NOV 2024 AT 19:03

सब कुछ हमें ख़बर है नसीहत न दीजिए
हम हैं फ़कीर हमको हुकूमत न दीजिए

ज़िंदा रहे तो आपने पूछा कभी न हाल
अब क़ब्र में पड़े हैं ज़ियारत न दीजिए

धड़कन थमी हुई है तबीयत ख़राब है
लाएँ दवा कहाँ से अज़ीयत न दीजिए

सबके नसीब में नहीं होती मोहब्बतें
मरते हुए को आप मोहब्बत न दीजिए

हम सब्र कर रहे थे मगर तुम नहीं मिले
अल्लाह तन्हा जीने की आदत न दीजिए

जो लोग कह रहे हैं ख़सारा है इश्क़ में
उनको वफ़ा के शहर में इज़्ज़त न दीजिए

सब ग़लती माफ़ उसको मगर शिर्क तो नहीं
मौला गुनाहगार को जन्नत न दीजिए

-


Fetching Afzal Sultanpuri Quotes