Afifa Ambari   (अफ़िफा अंबरी)
1.2k Followers · 75 Following

read more
Joined 28 August 2017


read more
Joined 28 August 2017
12 JUN 2021 AT 17:39

तुम पर कविता लिखना असंभव है।

(अनुशीर्षक पढ़ें)

-


26 APR 2021 AT 15:35

प्रेम,
मधुकर का मीठा मकरंद
चुराना
प्रेम,
चकोर का चांदनी को
एकटक निहारना
प्रेम,
और कुछ नहीं
है भाई का बहन को
काले टिके से सजाना।

-


24 JUL 2019 AT 9:20

भूख से रोता
बिलबिलाता बच्चा
ले जाता हाथ मां की
आंचल की ओर,बार-बार
प्रयास करता हटाने की
अपने नन्हे हाथों से
झिड़क कर हाथ उसका
वह समेट लेती आंचल
लगा देती होठों से
पानी भरे दूध का बोतल
आह! कौन समझाए अभागे को
ममता और मजदूरी में से
मां को अभी मजदूरी करनी है

-


6 JUL 2019 AT 11:17

अरमान है
देखनी है एक सुबह,कनेर सी
पीले रंग की पाजेब पहने
उतरी हो धीरे-धीरे नभ से
नाम,जाति,धर्म से परे
डाले एक सी किरण
सब की खिड़की पर
देखनी है
अरमान है
एक सुबह कनेर सी।

-


4 JUN 2021 AT 21:23

सुनो पथिक
_____________

-


27 APR 2021 AT 22:19

प्रेम में पड़ी लड़कियां

-


25 NOV 2020 AT 21:36

प्रेम में

-


14 AUG 2020 AT 14:06

IG- its_a_lazy_writer

-


11 JUL 2020 AT 20:38

'वर्षा को' ताकते हुए झरोखे से
सोचती हूं ' भीतर मन के
भी तो होती है वर्षा ' !
जब चीर कर हृदय को
न निकल पाए वेदना ।
न बह पाएँ अश्रु की बूंदे ।
जब सोख ले पीड़ा
सभी रस शरीर का ।
पड़ जाएँ होंठ पीले ।
तब मिलकर,
वे सब बुनते हैं इक बादल ।
और भीतर !
वर्षा होती ही होती है ।

-


1 JUN 2020 AT 11:20

क्या करोगे तुम ऐसे प्रेम मोह से!
जैसे चकोर करे है चंद्रमा से।
क्या करोगे तुम प्रतीक्षा मोरी!
जैसे करती पी के थिरकने की मयूरी।
क्या होगा तुम्हें अभिमान हमारे रति में!
जैसे शलभों को होता है ज्वाला की प्रीति में।
कहो, क्या करोगे तुम ऐसे प्रेम मोह से!
जैसे कवि करता है अपनी,
अर्ध लिखित कविता से।

-


Fetching Afifa Ambari Quotes