खेलन खातिर सखा सुमंगल देखे ओरी बाट कब हूं आवे गिरधर मोरे यमुना जी रे घाट मात जसोदा आवन देवे की रख ले अपने पास जे सोच श्रीदामा सुमंगल हो गए उदास आवन लागो देख कन्हैया लिए कमरिया बंध मोटी आंखें हाथ बांसुरिया पहन के बाजू बंद घुंघराली अलकें चहुं बिखेरे श्री चंदनमय सुगंध हरी पीताम्बर पकड़े उंगली बल भैया के संग