इश्क में अक्सर ऐसा ही,होता है जो भी क़रीब,आता है तुम्हारे वही,तुम्हें सबसे पहले वक्त,आनें पर छोड़ देता है। -
इश्क में अक्सर ऐसा ही,होता है जो भी क़रीब,आता है तुम्हारे वही,तुम्हें सबसे पहले वक्त,आनें पर छोड़ देता है।
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यादें हमारी जिंदगी कीवो ज़मा पूंजी हैं जिसेहम ताउम्र संजो कररखते हैं यादें ही तो हैंको हमें जवानी में भीबच्चा और बुढ़ापे मेंजवान बनाए रखते हैं। -
यादें हमारी जिंदगी कीवो ज़मा पूंजी हैं जिसेहम ताउम्र संजो कररखते हैं यादें ही तो हैंको हमें जवानी में भीबच्चा और बुढ़ापे मेंजवान बनाए रखते हैं।
वो फूल सूखने के बाद भीअक्सर हथेली को अपनेप्यार की खुश्बू से महकादेते हैं। -
वो फूल सूखने के बाद भीअक्सर हथेली को अपनेप्यार की खुश्बू से महकादेते हैं।
मेरे उदासी के आईने में,तेरा ही चेहरा न जानें,क्यूं नज़र आता है,मेरी लाख कोशिशों के,बाद भी तु ना मुझसे दूर,जाता है। -
मेरे उदासी के आईने में,तेरा ही चेहरा न जानें,क्यूं नज़र आता है,मेरी लाख कोशिशों के,बाद भी तु ना मुझसे दूर,जाता है।
ये दुनिया बहुत सुन्दर है ये जानने के लिए घर सेबाहर निकलो तो सही अगर भरनी है ऊंची उड़ानपहले अपने पंख तो खोलोसही। -
ये दुनिया बहुत सुन्दर है ये जानने के लिए घर सेबाहर निकलो तो सही अगर भरनी है ऊंची उड़ानपहले अपने पंख तो खोलोसही।
आईना देख कर ये ख्याल आयासबने मुझे वैसे ही देखा जैसेदेखना चाहा न जाना किसीने मुस्कुराते हुए चेहरे के पीछे कादर्द ना देखा किसी ने आंखों कीनमी को। -
आईना देख कर ये ख्याल आयासबने मुझे वैसे ही देखा जैसेदेखना चाहा न जाना किसीने मुस्कुराते हुए चेहरे के पीछे कादर्द ना देखा किसी ने आंखों कीनमी को।
दिल से मन तक पहुंचनेके लिए विश्वास का सहारा लेना पड़ता हैअगर विश्वास ही ना होतो कहां कोई रिश्तामुकम्मल होता है। -
दिल से मन तक पहुंचनेके लिए विश्वास का सहारा लेना पड़ता हैअगर विश्वास ही ना होतो कहां कोई रिश्तामुकम्मल होता है।
ना जानें क्यूंअतीत की कहानीकुछ बातें याद दिलाती है।वो घाव जो अबवक्त की मरहमसे भर चुके हैंउन्हें अतीत की कहानीफिर से ताज़ा करजाती हैवो अतीत की कहानीना जानें क्यूं अब भीमुझे याद आती है। -
ना जानें क्यूंअतीत की कहानीकुछ बातें याद दिलाती है।वो घाव जो अबवक्त की मरहमसे भर चुके हैंउन्हें अतीत की कहानीफिर से ताज़ा करजाती हैवो अतीत की कहानीना जानें क्यूं अब भीमुझे याद आती है।
सबकी परवाह करते करते वो अपनी परवाह करनाभूल जाती है,वो मां है सबको खाना खिलाने केबाद ही खुद खाती है। -
सबकी परवाह करते करते वो अपनी परवाह करनाभूल जाती है,वो मां है सबको खाना खिलाने केबाद ही खुद खाती है।
बेइंतहा मोहब्बत किसे कहते हैं?उसे पा लेना या फ़िर उम्र भरउसका होकर ही रह जाना। -
बेइंतहा मोहब्बत किसे कहते हैं?उसे पा लेना या फ़िर उम्र भरउसका होकर ही रह जाना।