क्योंकि मतलब पूरा हो जाने पर इन्सान भूला देते हैं,
प्यार, रिश्ते और अच्छाइयां...!!!!-
Adv Er Mukund Pandey
(Kafir ki Kalam se...)
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Joined 30 March 2022
4 JUN 2022 AT 20:17
4 JUN 2022 AT 20:13
काफ़िर हर बार सज़ा गुनाहों की नहीं मिलती हैं,
कुछ सज़ाए शक़ और झूठे इल्ज़ामात के भी मिल जाते हैं...!!!-
20 MAY 2022 AT 19:13
काफ़िर इक मामूली सा ख़्याल हूं मैं,
कभी याद आऊं तो मुस्कुरा देना..!!!-
14 MAY 2022 AT 19:59
कुछ ख्वाहिशें उन बारिश की बूंदों की तरहां होती हैं,
जिनको छूने की कोशिशों में हथेलियां तो गीली हो जाती हैं,
काफ़िर पर हाथ हमेशा खाली रह जाते हैं...!!!!-
2 MAY 2022 AT 15:33
काफ़िर हम मरे हुए लोग हैं,
और मुर्दे कभी झूठ नहीं बोलते हैं...!!!-
23 APR 2022 AT 22:40
काफ़िर सरक गया जब उसके रुख़सार से हिज़ाब अचानक,
सितारें भी कहने लगे,काश हम भी इंसान होते...!!!-
23 APR 2022 AT 22:32
सरक गया जब उसके रुख़सार से हिजाब अचानक,
सितारें भी कहने लगे,काश हम भी इंसान होते...!!!-
21 APR 2022 AT 21:09
काफ़िर तू मेरी रुह हैं,
अगर तू नहीं तो ये जिस्म जिन्दा लाश हैं...!!!-