Khud ko kabu me rakhe jab akele me ho...
Or apne Alfazo ko kabu me rakhe jab logo me ho....— % &-
तुम्हारी बात पे दुनिया यकीं करे न करे,
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मेरे खिलाफ मेरा भी बयान ले जाना....-
किसी कमज़र्फ से माँगी नहीं इमदाद कभी...,
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हमने ग़ुर्बत मे भी मैयार को आला रखा..!!!-
Raza-E-haq pe razi reh..ye harf-E-aarzu kesaa...
Khuda Khaliq,Khuda Maliq,Khuda ka hukm,Tu kesa.-
फितूर होता है हर उमर मे जुदा जुदा..
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खिलोने,इश्क,पैसा फिर खुदा खुदा।-
दिल में एक ख़ुमारी जो है तेरे लिए..
बेपनाह ए इश्क़ ही तो है तेरे लिए.
दिल में मेरे बस यही तो है तेरे लिए..
बेपनाह ए इश्क़ ही तो है तेरे लिए
मेरी सारी ये ज़िन्दगी तो है तेरे लिए
बेपनाह ए इश्क़ ही तो है तेरे लिए.-
शिकस्त खा के भी तौहीन-ए-ज़िन्दगी ना हुई,
हज़ार काम हुए हमसे मगर खुदखुशी ना हुई।-
Tere koonche Is bahane mujhe din se rat karna..
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Kabhi isse bat karna.,Kbhi usse bat karna..-
तलब यूँ ही लगी थी मुझे किसी अपने की..
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दुआओं के ज़रिये तुमने अपनापन बख्श दिया।
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