Aditya Verma   (एक एहसास)
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ख्वाहिश तो थी तुम्हे भूल जाने की,,
मगर खुद को याद रखने की आदत है मुझे।।
Joined 7 September 2018


ख्वाहिश तो थी तुम्हे भूल जाने की,,
मगर खुद को याद रखने की आदत है मुझे।।
Joined 7 September 2018
3 AUG 2022 AT 22:20

तू जान के भी कई बातें नहीं जान पाता है,,
ए चांद मेरी खामोशी को कोई समझ नही पाता है,,

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3 AUG 2022 AT 22:02

रेत के महलों जैसे सपने संजोए थे,
जरा सा हवा का झोंका आया और रेत बिखर गए,,

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16 FEB 2022 AT 22:25

— % &

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17 JAN 2022 AT 22:51

यूं ही नही हमें बनारस की तंग गलियों से लगाव है,
कोई मिला था हमसे बरसो पहले इसी जगह,,
कुछ यादगार पल है हमारे जो हमने साथ बिताए ,
कुछ खट्टी कुछ मीठी बात लिए हमने मन में सपने सजाए,,
उसका तो पता नही मगर मेरे लिए वो रात और वो साथ दोनो ही अजीज हैं,
शायद इसीलिए आज भी ये गलियां मेरे लिए मुझ से करीब हैं,,
शायद फिर कभी वो वक्त आए जब वो और मैं साथ हो,
फिर ये बनारस की गलियां और घाट और फिर से वो एक एहसास हो।

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14 OCT 2021 AT 21:56

Tho my world is centred,
I still feel empty

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31 AUG 2021 AT 22:40

मैं फिर से मरना चाहता हूं,
समझ नही आ रहा,
इश्क कर लूं क्या??

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26 AUG 2021 AT 13:25

सुनो!!
तुम वक्त-बेवक्त की बातें न किया करो,,
तुम्हारे साथ बिताया हर पल जायज़ है,,

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10 JUL 2021 AT 9:44

छोड़ दिया मुस्कुराना उसकी बातों पे,
लोग हमारे इश्क को पहचानने लगे थे,,

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10 JUN 2021 AT 8:28

हर दुआओं में मैने जिसके लिए खुशियां मांगी हैं,
वो खुश है मुझसे दूर रहकर,,
तो मैं खुश क्यों ना होऊं!!?

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24 MAY 2021 AT 12:02

की कैसे कहूं लौट आओ,
अब मन नहीं लगता तुम्हारे बिना,,
आखिर तुम्हें अधिकार देने का फैसला भी तो मेरा था,,

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