Aditya Sharma   (Aditya Sharma ✍️)
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Joined 6 January 2020


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4 JUL 2024 AT 11:47

कहीं फ़साद कहीं हादसे कहीं दहशत
घरों से लोग निकलते हुए भी डरते हैं
भूल जा आदित्य उस समय को
यहां समय से पहले लोग बदलते है

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4 JUL 2024 AT 11:45

किसी तरफ़ से भी आओगे हम को पाओगे
हमारे घर से सभी रास्ते गुज़रते हैं
ये जानता है समुंदर में कूदने वाला
जो डूबते हैं वही लोग फिर उभरते हैं

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4 JUL 2024 AT 11:43

किसी के ख़त का बहुत इंतिज़ार करते हैं
अब हमारी छत पे कबूतर नहीं उतरते हैं
ख़ुशी के प्यार के गुल के बहार के लम्हे
हमें मिले भी तो पल भर नहीं ठहरते हैं

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3 JUL 2024 AT 14:35

पूछना पड़ता है कि क्या कुछ पूछ सकता हूं
रुकना पड़ता है सोचने को क्या मै उस तक पहुंच सकता हुं
दूर नही हैं वो मेरे अंदर ही कही है
खोना पड़ता है मुझे मुझमें क्या मै उससे ढूंढ सकता हूं

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3 JUL 2024 AT 13:40

अब मौसम गया इश्क-ए-वफा का
अब फतझड़ है आई सुन लो सारे इश्क करने वालो
इन खुश मिजाज आंखों मै अब मानसून की ऋतु है आई

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2 JUL 2024 AT 20:56

रात बाकी है अभी मुझे सोने तो दो
मरना तो है एक दिन अभी मुझे जीने तो दो

गिरा ही तो हूं अभी मुझे खड़ा होने तो दो
मुझे बदलते सफर का गवा होने तो दो

मैं भीड़ मै अकेला हूं मुझे जुदा होने तो दो
तुम्हे याद नही हू मुझे इस पर खफा होने तो दो

बचपन का है प्यार मेरा बड़ा तो होने दो
अभी अभी तो सीखा है थोड़ा जवां तो होने दो

रात है बाकी है अभी मुझे सोने तो दो
बदले का सब कुछ सुबह होने तो दो

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2 JUL 2024 AT 16:28

जब डर पता चला तभी ताक़त पता चली,
सीने में आग, सीने की हिम्मत पता चली,
शर्तों पर तेरी बिकने से इनकार कर दिया,
तब जाके अपने आपकी क़ीमत पता चली।

स्वयं श्रीवास्तव ।

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29 MAY 2024 AT 9:50

कलयुग बड़ा विकराल रूप ले रहा है
आज का राम दशरथ को वनवास दे रहा है।।

Full in the caption 👇

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20 MAY 2024 AT 0:32

मैं तकिए पर सितारे बो रहा हूँ
जन्म-दिन है अकेला सो रहा हूं

ना किसी की शुभकानाएं है ना किसी का सर पर साया है
देखी तो एक शायर का कैसा जन्म दिन आया है

सबको अपने दिन याद है
शायर तू तो बस ख़ाक है

कुछ खुशियाँ कुछ आँसू दे कर टाल गया
जीवन का एक और सुनहरा साल गया

माँ की दुआ बाप की शफ़क़त का साया है
आज अपने साथ अपना जनम दिन मनाया है

मुझे जन्मदिन की बधाई हो

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18 MAY 2024 AT 22:07

सुना हैं 'वो रातों को जागतीं है
उसे कहना सोते हम भी नहीं ...!!

सुना हैं 'वो छुप छुप कर रोती हैं
उसे कहना हंसते हम भी नहीं ...!!

सुना है 'बो मुझे याद करतीं हैं
उसे-कहना भुले हम भी नहीं ...!!

सुना है 'वो वफ़ा का दावा करतीं हैं
उसे कहना बेवफ़ा हम भी नहीं ... !!

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