ADITYA SAHU   (ADITYA SAHU)
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Joined 5 October 2018


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18 JUN 2023 AT 6:42

तोर बिन घर के छईहां उदासी
भुइंया ह खो देथे अपन मान ग
तोर म दुनिया बसथे मोर ' पापा '
तैंही मोर जीवन के आधार ग..!

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21 MAR 2022 AT 18:45

मैं कविता लिखे बर नइ जानंव,
बस मैं ह तोर आंखी के बात म आ जथंव!

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20 MAR 2022 AT 18:05

सब झूठ धरके आय रहिस
सच सुने बर ।

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15 OCT 2021 AT 5:09

हिरदे संघारे जावय तोरे पग संग म
आरूग आँसू सिंचय,तोरे सुरता मन म
करँव बिदाई जोहार ये मोर महामाय,
नेंग करंव चाउंर-दूबी,जंवारा श्रीफल म !

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8 OCT 2021 AT 19:44

ये मोर जिनगी म
जे धूप-छाँव
अंजोर-अंधियार होथे
एमा बस तोरे हाथ बात हे!

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17 NOV 2020 AT 17:44

आगास कोति आंखी
निहारत रहिंगेंव मंय,
भुंइया ले पानी निथार
के लेगे डहर रेंगइया ।

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4 SEP 2020 AT 19:48

हिरदे के मान रख ले कर
मोर जहुरिया संगी,
मया के फूल अइलावय झन
थोड़किन धियान रख ले कर ।

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31 AUG 2020 AT 18:25

हिरदे तक बात पहुंचय
त बात बनय
हवा म डारा तको डोल जाथे,
जर तक बात पहुंचय
त बात बनय ।

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11 JUL 2019 AT 19:22

न काया, न कल्प ,तोर मया म सुद्ध भुलाये बैठे हव,
न राग, न धून के मोला पता हे, तभो ले तोर नाव के गीत गाये बैठे हव ।
_आदित्य साहू 🌠

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16 JUN 2019 AT 11:29

लईका के हाथ के रेखा के दिशा बदल देथे,
ददा के त्याग, जिनगी के शिशा बदल देथे।
मया ल हृदय के भीतरी म सजा के रखथे,
लईका के खुशी खातिर,कतको पीरा सह लेथे।
झन तरसाबे परबुधिया कभु बाप ल,
दू कउरा अन्न देके, मया के बोली बोल लेबे।
सुरता कर लेबे बाप के त्याग,सह लेबे जिनगी के ताप ल।
मत बनबे भलकुन श्रवण कुमार,दे देबे थोकिन सहारा,
दू लोटा पानी जियत म पुछ लेबे,नइ जावय ग गँवारा।

~आदित्य साहू...✏




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