यार, ये लड़की जब चाहे गज़ब कर देती है,
ज़मीं पे बैठ कर ज़मीं में रंग भर देती है ।-
उसी से समाज में इज्ज़त है, उसी से घर मे बऱकत है,
वो माँ है, बहन है, बेटी है, बहु है, वो एक औरत है।-
तु एक मिस्रे की तरह अटकी हुई है जेहेन् मे मेरे,
जो हासिल हो तो मेरी ग़ज़ल मुकम्मल हो जाए।— % &-
ये दुनिया लाख बधाई भिजवती रहे सारी उम्र, मेरे पीर,
अगर तु ही नही साथ बांटने को, ये ख़ुशी किस काम की। — % &-
तु आख़िर कौन है मेरा, यही सवाल तु मुसलसल करता है,
तु ही वो किरदार है जो मेरी कहानी को मुकम्मल करता है ।-
हमे तो लगता था की दिन हमारे भी सवर जाएंगे,
यार हम तो तुझे दूर से देखते देखते ही मर जाएंगे
एक तेरी कुर्बत की ख़ातिर सब दाँव पर लगा बैठे है
अब भी तेरा साथ ना मिला तो यार अब किधर जायेंगे
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बस यही हो मेरी कहानी का अनज़ाम
तेरे नाम के बाद आता रहे मेरा नाम-
तुझे देखा था कुछ वक़्त पहले साड़ी में,
दिल अबतक तेरे पल्लू से बंधा है।-
ये सोच के तेरा आशिक़ कैसे कैसे रात गुज़ारेगा,
जब कोई और तेरे होठ चुमेगा, तेरे ज़ुल्फ़ सवारेगा।-