कल मैं चालाक था,
इसलिए मैं दुनिया बदलना चाहता था,
आज मैं बुद्धिमान हूँ,
इसलिए मैं अपने आप को बदल रहा हूँ।-
हर साल जलाते रावण ऐसे,
जैसे खुद ही स्वामी राम हो।
जितने ऊँचे लोग यहाँ पर,
उतने नीचे काम हैं।।-
इश्क़ का ताल्लुक़ दिलों से होता है और शादी का तनख़ाहों से। जैसी तनख़ाह होगी वैसी ही बीवी मिलेगी।
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लड़की अपने प्रथम प्रेमी के अलावा कभी किसी से प्रेम नहीं कर सकती। जिन लड़कों को लगता है कि वह अपनी अतीत को भुलाकर उन्हें अपना चुकी है, तो वे भरम में जी रहे हैं। जब तक आप सामने हैं तब तक वह आपकी है... एकांत में वह केवल उसी को सोचती है, आप केवल माध्यम बन जाते हैं।
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कभी कभी समझ ही नहीं आता कि मुझे तुम मिल कैसे गई हो! साला भाग्य इतना अच्छा कैसे हो सकता है, कुछ भी तो एक जैसा नहीं हममें, फिर भी हम एक हैं, मिलों की दूरी है पर जब आंख बंद करूं तो तू मेरे पास है, कैसा रिश्ता है हर दिन प्रेम बढ़ता ही जा रहा है...!!!
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काश! तू मेरे आँखों का आंसू बन जाये,
मैं रोना ही छोड़ दूँ तुझे खोने के डर से।-
यहाँ सब खामोश हैं
कोई आवाज़ नहीं करता,
सच बोलकर कोई,
किसी को नाराज़ नहीं करता।-
कितने नादान हैं ये
रात के जुगनू,
कहते हैं
आदित्य को
निकलने नहीं देंगे।-
सुंदर लड़कियों को
अधिक प्रेम मिलता है पति से,
ऐसा माँ बता रही थी।
माँ स्त्री की विशेषता नहीं,
पुरुष की कमज़ोरी बता रही थी।
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दोस्त से प्रेमी बनने की चाह रखने वाला पुरुष अंत में न ही उस स्त्री का प्रेमी बन पाता है और न ही उसका दोस्त रह पाता है।
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