एक रात बैन हो रही एक रात सोने के लिए
कमसर जिंदगी नही सबकुछ पा लेने के लिए
नींद का मसलन है नही जिंदगी का ख्वाब पाने के लिए
हर घड़ी करीब आ रहा इक तुझे पा लेने के लिए
एक रात बैन हो रही एक रात सोने के लिए
कमसर जिंदगी नही सबकुछ पा लेने के लिए-
हम मिलेंगे ....2023 की छाव में अनन्त जन्मान्तर तक के लिए
हम मिलेंगे ....मूसलाधार बरसात में भीगे बदनों में लिपटे हुए
हम मिलेंगे....बर्फ की चादर में एकदूजे की बाहों में लिपटे कही पर्वतों की चोटी में
हम मिलेंगे... तेरे हाथ को चूमता.तेरी मांग में चमकते लाल रंग में
हम मिलेंगे ....भोले के आशीर्वाद से अपने मेहनत से अपनी लगन से...थामे तेरा हाथ जायँगे जिंदगी के उस पार जहां बस होंगे चर्चे हमारे प्यार के।।-
मेरे प्यार का राग हो तुम
जिसमे सिर्फ महसूस करू वो साज हो तुम
हर अक्स में बस तुझको देखूं वो आईना वो तुम
मेरी कश्ती का साहिल हो तुम
चैन से सो सकू वो नींद हो तुम
मेरा राही मेरा प्यार मेरा सुकून मेरा चैन मेरा हमसफ़र सुनो....मेरी जिंदगी हो तुम-
तेरी नजरो का शोर मेरी नजरो में खो जाए
मेरी जिंदगी तेरे प्यार में फना हो जाये
न और किसी की जिस्तजू न और किसी की चाह
ये जिंदगी की शाम तेरे और बस तेरे प्यार में ही गुजर जाए
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तमन्नायो पर जोर क्या बिन पतवार नाव क्या
कभी कम कभी ज्यादा औरो की बात क्या
सूरज ढले रात खिले इस वीरानी आँख का क्या
कभी रास्ता लम्बा लगे कभी धरती छोटी लगे इस सवाल का जवाब क्या।
असफलता नामसझ है,सफलता जन्मजात समझदार, इस कथन का सार क्या।।-
हर रात हर ख्वाब में तेरे ही ख्वाब देखता
कुछ और न देखता बस तेरी आँखों को देखता
और नजारे होंगे जहाँ में मगर तेरे सिवा कुछ और न देखता
सिंदूर भर दू अपने नाम की तेरे मांग में और फिर पीछे कभी कुछ और न देखता।।
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आखो के अधरों पर दिया जलाये बस तुझको ही देखा करता हूं
उन राहो पर तेरे पैरो के निशां खोजा करता हूं
उम्मीदों के दामन थामें मैं हर मुश्किल से लड़ता हूं
कभी बेचैन कभी परेशान बस तुझको निहारा करता हूं
तेरी मांग भरने पर जो खुशी के आँसू गिरे बस अब उनका ही इंतजार करता हूं।।
तेरे दामन में मेरी हर रात कटे बस इसीलिए मैं इन रातो को जागा करता हूं।।-
ख्वाबो के दिये जलाए रखता हूं
नींद आ भी गयी तो सो सकता हूं
किताबो में अपने तकदीर को निहारा करता हूं
हर और बस तुमको खोजा करता हूं।
नींद आ भी गयी तो सो सकता हूं।
रात शांत मगर मन से बेचैन हो जाता हूं
उस डर में कभी कभी खुद को घिरा पाता हूं
नींद आ भी गयी तो सो सकता हूं।
हर और बस तुमको खोजा करता हूं
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कागज पे उकेरे शब्दो से ही कागज की पहचान है
गिरते पड़ते फिर उठना यही हौसलो की उड़ान है
समय की महफ़िल में कोई हमेसा सिकन्दर नही रहता
आपकी आँखों से कोई अपना सबकुछ देखे इससे बड़ा कोई विश्वास नही होता।।
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रास्तो का सफर कैसा भी हो मैं चलता जायूँगा
तेरी और जाने वाला रास्ता मैं खुद बनायउँगा
उठ कर बैठ जाता हूं एक तेरे खोने के डर से
इक तुझे अपना बनाने के लिए मैं हर कीमत चुकाउंगा।।
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