Aditya Patel   (Aditya Patel)
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ज़िन्दगानी के पल शब्दों में बुनता हूँ,
कुछ अच्छा तो कुछ सच्चा लिखता हूंँ।
Joined 26 June 2019


ज़िन्दगानी के पल शब्दों में बुनता हूँ,
कुछ अच्छा तो कुछ सच्चा लिखता हूंँ।
Joined 26 June 2019
7 JAN 2021 AT 21:09

ज़िन्दगी के साथ हूँ, इसलिए मज़बूर हूँ शायद।
तुमसे मिला भी नही, तुमसे मिल गया हूँ शायद।
जो दर्द था सीने में, शायद दवा बन गई हो तुम।
रूह से ही नही, सासो के लिए हवा बन गयी हो तुम।

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9 JUN 2020 AT 18:02


मुसाफ़िर के किरदार हम में जीते गए,
लोगों को छोड़ हम खुदगर्ज़ होते गए।

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3 JUN 2020 AT 21:43

मैं अक्सर वही आकर बैठता हूँ,
जहाँ कभी तुम साथ बैठा करती थी।

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1 JUN 2020 AT 10:53

तुमने शादी करली,
हमने बर्बादी करली।

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1 JUN 2020 AT 8:19

मैं तेरे लिए सबसे से लड़ने लगा,
हाँ तुझसे मैं इश्क़ करने लगा।

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30 MAY 2020 AT 19:58

मेरी मोहब्बत ने लखनऊ छोड़ दिया,
मैं भी लखनऊ छोड़ रहा हूँ।

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27 MAY 2020 AT 10:09

कुछ अच्छा तो कुछ सच्चा लिखने में हूँ अभी कच्चा,
गलती हो तो माफ़ करना समझ के छोटा बच्चा।

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27 MAY 2020 AT 7:02

तुम्हारी शकल कैसी है ये मैटर नही करता है,
तुम्हारे लफ़्ज़ कैसे है ये ज़रूर मैटर करता है।

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25 MAY 2020 AT 13:21

ईद की सिवइयों का स्वाद, अपने दोस्तों का साथ,
आज नही है मेरे पास।

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24 MAY 2020 AT 23:53

जहाँ प्रेम है वहाँ सुख है,
जहाँ नफ़रत है वहाँ दुख है।


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