Aditya Mohapatra   (©-Aadi)
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Joined 1 July 2018


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4 NOV 2022 AT 16:07

Mohabaat Agar Sirf Chehre Se Ho
Toh Unki Tasvir Phone Se Meeta kar abhi bhul jayee hum,
Unki gali me kabhi kadam na rakhe aur unki seheer bhi chhod jayee hum .
Par jab Ishq ho unki baton se Ishq ho unki awaaz se
Ishq Ho Chat Karte Waqt Unke Paas Hone Ke Ahsaas Se
Toh Phir Kon Sa Tarika Apnaye Hum
Aye Khuda Usey Kaise Bhul Jaaye Hum.

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3 NOV 2022 AT 11:52

तेरे जाने के बाद
टूटे ख़्वाबों को जोड़ना मैंने सीख लिया है
तेरे यूँ सताने के बाद
अपनी ख़्वाहिशों को तोड़ना मैंने सीख लिया है
खुद के दायरें में रखता हूँ खुद को
अब बेवजह की नज़दीकियों को
छोड़ना मैंने सीख लिया है..

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3 NOV 2022 AT 11:03

रख सको तो एक निशानी हूं मैं
खो दो तो सिर्फ एक कहानी हूं मैं
रोक ना पाए जिसको ये सारी दुनिया
वो एक बूंद आंख का पानी हूं मैं....

सबको प्यार देने की आदत हैं हमें
अपनी अलग पहचान बनाने की आदत हैं हमें
कितना भी गहरा जख्म दे कोई
उतना ही ज्यादा मुस्कुराने की आदत हैं हमें...

इस अजनबी दुनिया में अकेला ख़्वाब हूं मैं
सवालों से खफा छोटा सा जवाब हूं मैं
जो समझ ना सके मुझे उनके लिए कौन
जो समझ गए उनके लिए खुली किताब हूं मैं....

आंख से देखोगे तो खुश पाओगे
दिल से पूछोगे तो दर्द का सैलाब हूं मैं
अगर रख सको तो एक निशानी हूं मैं
खो दो तो सिर्फ एक कहानी हूं मैं....

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28 OCT 2022 AT 18:21

तुम्हें मुस्कुराते हुए देखना
मेरी आदत सी हो गयी है
तेरी ये मोहब्बत भी
अब इबादत सी हो गई
इन बेचैन मेरी आँखों की
तू राहत सी हो गई है
हर बार ही दीदार
अब ये चाहत सी हो गई है..

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21 OCT 2022 AT 12:25

यादों का घर है
ख़्वाबों का शहर है
हक़ीक़त की दुनियाँ से हम बेख़बर हैं
ये वफ़ा ये मोहब्बत तुम्हीं को मुबारक़
हमारी नज़र में ये दोनों ज़हर है..

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21 OCT 2022 AT 12:21

सोचा ना था की
ऐसा कुछ हो जाएगा
जिसे सँभाला था इतनी सिद्दत से
वही मुझसे खो जाएगा
ये हँसता मुस्कुराता चेहरा भी रो जायेगा
ये जो आज मुझे कहता है अपना कल
किसी गैर का हो जायेगा..

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17 OCT 2022 AT 9:11

मन था ढेर सारी बातें करूं,
जो तुमसे कहनी थी
कुछ पूछना भी था,
कुछ जानना भी था,
कुछ बातें बचा रखी थी,
सुरमई शाम के लिए सोचा था कुछ मन की कहेंगे..
दो कप चाय और हाथों में हाथ होगा,
यह बारिश का मौसम और ठंडी हवा के झोंको के साथ मुझे निहारना और तारीफ करना और मेरा यूं शर्माना ।
कुछ इस तरह मन में होता कि कभी तो होता जब हम ढेर सारी बातें करते जो तुमसे कहनी थी ।

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16 OCT 2022 AT 19:07

हजारों ख्वाहिशे दिल में लिए
ख्वाबो की जमीन पर कदम रखा था

मगर ख्वाहिशे तो ख्वाहिशे थी
उन्होंने पूरा होने का कब दम भर रखा था

शीशे के कुछ सुनहरे ख्वाब देखे थे
शीशे को तो टूटकर ही बिखरना था

नादान थी खुली आँखों से ख्वाब देखे
उन टुकड़ो को मेरी आँखों में ही जो चुभना था

बेवजह नहीं है ये अश्क बह रहे
चुभेगें टूकड़े तो मेरी आँखों को नम होना ही था..

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16 OCT 2022 AT 14:54

दूर बैठे हो ख़ामोश हमसे
तुम्हारी ये ख़ामोशी अच्छी तो नहीं
अकेले हम ही निभाते हैं वफ़ा-ए-मोहब्बत
तुम्हारी ये कंजूसी अच्छी तो नहीं..

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12 OCT 2022 AT 20:55

एकांत में तो
मै ज्यादा तर ख़ुद के ही साथ होती हूं. खुद के उलझन परेशानियां..
इन सब में ही फसी रहती हूं !

हा बीच बीच में तुम्हारी याद भी आता है,
कमी भी मेहसूस होने लगा तो
तब खुद ही खुद को
संभाल लेता हूं..

पर मुश्किल तब सबसे ज्यादा होता है खुद को संभालना..
जब हजारों लोगों की भीड़ में मुझे तुम्हारी कमी मेहसूस होता है ।।

पर कुछ नहीं..
तब कहीं शांत बैठ खुद को ये समझाता हूं.
की तुम असल में दूर नहीं हो
यही हो मेरे पास मेरे दिल में मेरे रूह में समाए हुए हो !

और फ़िर ये तुम्हारे मेरे साथ होने का एहसास
हमेशा मुझे अन्दर से मुस्कराने की वजह देती है
और एक सुकून दे जाती है !!

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