ख़ुद में हम एसे खो गये हैं
जैसे माया के परे हो गये हैं
तलाश-ए-मंजिल पे निकले हुए
किसी रास्ते के ही हो गये हैं
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Ablaze heart wandering among words... read more
गम मिला के कुल आज भी वही तीन चार है
सबसे पुख़्ता जिसमें, ये दोस्ती और प्यार है
रिश्ते होते हैं अब बस सारे काम के, और नाम के
और इन एहसासों का महज यहाँ होता व्यापार है-
क्या खबर थी कि
पल भर का सुकूँ,
कुछ लमहात् खुशी,
और चंद अधूरे सपनो
को ढूंढते हुए
किसी ऐसी सम्त निकल जाएंगे
जहाँ सिर्फ धोखे का रिवाज,
दिखावे का शौक,
और झूठ की प्रथा होगी |-
Agar mumkin hua to jaroor hoga.
Meri aankho me tera hi noor hoga.
Is had tak mohabbat karni hai tujhse.
Ki tujhe meri mohabbat pe guroor hoga.-
अकेले खुश हो तुम
अकेले खुश है हम
फ़िर कैसी बेचैनी
किस बात का कोई गम
आँखो में हजार हैं सपने
फ़िर बस एक अरमाँ पे अपने
क्या रखे कोई भी शिकवा
क्या करे इन आँखों को नम
अकेले खुश हो तुम
अकेले खुश हैं हम
शायद इश्क़ भी कोई खेल था
दो अंजानो को जो मेल था
छोड़ी कोई कसर ना हमने
फ़िर भी रह गयी सारी कोशिशे कम
अकेले खुश हो तुम
अकेले खुश हैं हम-
ख़फ़ा कम ही रहा करो इस दुनिया के दस्तूर से
बेचैन दिल ले कर आखिर तक भटकना यहीं है-
किसी से कोई गिला नहीं की
साथ हमारे उसने क्या किया
खैर मलाल भी उनका क्या करना
जिसको यक-सर भुला दिया-
कहाँ कोई इस दुनिया में रोज़ किसी को याद करता है
कदर कर लो उसकी जो तुमसे मिलने की फरियाद करता है ।
सीख लो कुछ वाजिब सलीके अभी भी, तो आसां होगा
वरना अक्सर इंसान मलाल बस वक़्त गुजरने के बाद करता है ।-
अरमान थे कम से कम अपनी
इश्क़- ए- दास्तां तो पूरी हो,
पर वक़्त रहते अपनाना पड़ा
अधूरी चीजों की खूबसूरती को-
कभी आयने में देख कर ख़ुद पे भी ये ग़ुमान करना,
हर किसी को नसीब नहीं है एक शायर की मोहब्बत ।-