काश तुम बता के जाते !!
बारिश का शोर है और ठंडी हवा भी है,
तेरे जाने के बाद तेरा इंतजार भी है ।
हां तेरी मोहब्बत पर शक नहीं है मुझे,
लेकिन यूं बिना बताए मेरी जिंदगी से जाने का हक भी तो नहीं है तुझे।
ख़ैर अब जा चुके हो तो अपना ख्याल रखना,
दिल के किसी कोने में मेरा छोटा सा नाम सजाए रखना।
सुनो....
जाते जाते कुछ पल साथ बिताते जाओ ,
ज्यादा कुछ मत कहना बस जाने की वजह बताते जाओ।-
अगर तुमने अभी तक शुरू नहीं किया तो
याद रखना मेरे दोस्त , सपना सपना ही रह जाएगा क्योंकि,
जमाने में हर 'रिश्ता' 'रोज़गार' मांगता हैं ..।
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सब ठीक ही था और जाने क्या बात हो गई,
क्या गुस्ताखी हुई मुझसे जो इतनी नाराज़ हो गई
यूं मौसम बदला और आप भी सबकी तरह भूल गईं हमें,
खुशी के पल गुज़रे और गम भरी रात हो गई
क्या गुस्ताखी हुई मुझसे जो इतना नाराज़ हो गईं ।
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ऐसे वैसे ना जानें कैसे-कैसे लोगों को देखा है..।
सब कुछ भूल गया हूं मैं...
जबसे मैंने तुम में लखनऊ का अदब देखा है..!— % &-
काजल बिंदिया और पायल झूमके,
सब पड़े ही रहने दो,
क़हर तो ठोड़ी के तिल का है,
उसे वहीं पर रहने दो .....-
लगा अगर गेहूं में कीड़ा बाहर से मंगवाओगे,
घुना हुआ चरित्र देश का उसे कहा से लाओगे।-
मुझसे रहा नहीं जाता मिले बगैर तुमसे रोज़ कहता हूं,
कभी चाहो तो तुम भी बोला करो,मिलने भले ही मत आया करो।
तुमसे बात बात पर नाराज़ होकर जो मैं जताता हूं नाराजगी,
कभी तुम भी मेरी बातों से फर्क खाकर रपट लिखाया करो।
माना की दूरियां है,काम है और दुनियादारी भी है,
कभी फ़ुर्सत मिला करे तो मेरे साथ भी कुछ मिनट बिताया करो।
वक्त से पहले और नसीब से ज़्यादा नहीं मिलता सच है शायद,
पड़ोस में ले लूं किराए से घर तुम्हारे,जो तुम रोज़ाना किसी बहाने छत पर आया करो।।-
कोई रिश्ता नहीं है तुमसे सिवाय बात करने के अलावा
कोई चाह नहीं है तुमसे सिवाय कुछ लम्हें कहने सुनाने के अलावा
मैं रोज़मर्रा के उतने ही पल का कर्जदार होता हूं
जितना सब मैं तुमसे कहकर ख़ाली होता हूं
ये दुनिया के हर रंग देखने के बाद
जो मुझे सबसे बेहतर लगा ,
वो एक लफ्ज़ 'यूंहीं' है।
ये ऐसा है कि सब कुछ यूंही है।
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मैं उसके लबों पर खो जाता हूं
कुछ उसकी बातों सा हो जाता हूं
वो बोल देती है कभी मुझसे,
तो कभी उसकी चुप्पी में.... मैं सो जाता हूं।-