शाम तक बिक गए सारे फ़रेब बाज़ार के,
फ़क़त मैं ख़ुद्दारी लिए रात तलक बैठा रहा!-
तुम्हे मै भूल जाऊँगा ये मुमकिन है नही लेकिन,
तुम्ही को भूलना सबसे ज़रूरी है समझता हूँ-
इस जीवन में जीने से अधिक मरने के क्षण आएंगे तुम्हें उनमें भी जीना है।
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Sabko mil rha hai koi na koi safar me, ek hum hain jo khud se hi bichhadte jaa rahe hain.
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Sabko mil rha hai koi na koi safar me, ek hum hain jo khud se hi bichhadte jaa rahe hain.
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Suna hai bohot baarish hai tumhare seher main ,
Dekhna kahin bheeg mat jana. Pani ke sath agar galat fehmiyaan dhul gyi toh
Yaad bohot aayenge hum-
वो ज़माना तेरी मोहब्बत का
एक भूली हुयी कहानी है
किस तमन्ना से तुझ को चाहा था
किस मोहब्बत से हार मानी है
अपनी किस्मत पे नाज़ करता हूँ
जब तेरे शहर से गुज़रता हूँ
अब में क्यूँ तुझ को याद करता हूँ
जब तेरे शहर से गुज़रता हूँ-
सर पर ज़िम्मेदारी हो तो, छोड़ी थोड़ी जाती है। बात ये माना सच्ची है पर बोली थोड़ी जाती है।
सारी तेरी मर्ज़ी है पर, दिल में है इक बात कहूँ? ज़ुल्फ़े इतनी सुंदर हों तो, बाँधी थोड़ी जाती है ।
फ़ोन उठाकर देख रहा हूँ, शायद मैसेज आया हो । आदत तो फिर आदत ठेहरी, जल्दी थोड़ी जाती है ।-
GEHRI RAAT KI KHAMOSHI
AMBULANCE KI AWAAZ NE TODA HAI
DOOR ROSHAN GHAR KE ANDHERE MEIN PHIR KISI APNE NE APNO KO CHHORRA HAI"-