गुजर रही है जिंदगी अजीयत के दौर से,
बहुत परेशान हो गए हैं, हम अंदर के शोर से,
दर्द देने में शामिल हमारे अपने कुछ कम नही,
तो क्या ही शिकायत करे हम किसी और से।।-
दो ही तो चांद हैं, इस दुनिया में,
एक blue sky में,
दूसरा blue City( जोधपूर) में,,
फर्क बस इतना है,,
एक आंखें खोलने से दिखता है,,
दूसरा आंखे बंद करने से।।-
ढंग पुराना लिए हुए, भला!
आधुनिक मशीन कैसे हो सकती है,,
और चाय छोड़कर कॉफी पीने वाली,,
झुमके की शौकीन कैसे हो सकती है।।-
बोहोत गुमराह किया,
तुम्हारे बुरखे ने हमे,,
अब कर के दिखाए, जरा,
तुम्हारी आंखों से दोस्ती कर ली हमने।।-
लोगों ने चांद का,, हमने तुम्हारा,
और तुम्हारा चांद ने, दीदार कर लिया,
और कुछ इस तरह
सबकी ईद मुकम्मल हो गई।।-
इस जमाने में अगर दुबारा
वोही पुरानी कहानी हो जाए,,
तो फिर से ये चांद रात के साथ,
आने वाली ईद भी सुहानी हो जाए,,
मैं हो जाऊ वीर प्रताप सा दीवाना,
वो ज़ारा हयात खान सी दीवानी हो जाए,
ऐ खुदा, अगर राजी हो तू भी मुझसे,,
तो एक बार और वीर-ज़ारा की कहानी हो जाए??
🥰🥰-
बड़ा सेक्युलर है ये इश्क अपने ईमान से,,
जो हो गया है, एक हिंदू को मुसलमान से,,
कमबख्त स्टेट्स भी नही देखता है, कितनी दूर है,,
एक को उठाया बिहार से, दूसरे को राजस्थान से।।-
मैं तुम्हारे लिए सेहरी भी बना दूंगा,,
मैं अपने हाथो से इफ्तरी भी खिला दूंगा,,
जब रखेंगे हम रोजे एक साथ मिलके,,
मैं तुम्हारे लिए सिकंजी से लेकर कॉफी तक बना दूंगा।-
माह ए रमजान में,
हमारे नजरों के चांद का कहना है,,
की हमे रमजान के चांद से
ईद के चांद तक,
अपने ही चांद से दूर रहना है।।-