तेरे लिखने की ताकत ने,क्या जिंदगी संवारी है मेरी; तू ना लिखे तो किताबें रह जाएंगी खाली, बेजान कागजों में जान है तूने डाली, तुझ बिन किस काम की ये रखी हुई स्याही, कलम शान है तू,तुझ बिन अकेली हैं जिंदगी हमारी। तुझसे ही लिखी गई कहानियां सारी, तू ना रहे तो कैसे लेखक लिखे अपनी शायरी, कलम बहुत कीमती है तू,तुझ से बड़ी नहीं हो सकती किसी से मेरी यारी।
क्यों खुद से प्यार करना तुमने नहीं समझा ज़रूरी, शायद इसलिए तुमने अपने आप को समझा अधूरी। क्यों न देख लो तुम खुद की खूबी, क्यों न खुद से कर लो प्यार मेरे यार। ये दुनिया है किसी को कभी नहीं मिल सकती संतुष्टी, क्यों न खुद ही कर लो अपनी मुरादें पूरी, खुद को समझो ज़रूरी, तुम अपने आप में हो पूरी।