आजकल अकेले होने का प्रचलन काफी प्रसिद्ध है। क्या यह शत् प्रतीशत सत्य है ? इस विषय में मेरे कुछ विचार हैं.....
हम चाहे ईश्वर को गुरु बनाए या किसी वस्तु अथवा पेड़-पौधे, वनस्पतियों से लगाव रखें या फिर पशु-पक्षी एवं इंसान से प्रेम करें या भूतकाल को संजोए चाहे खुद से मोह ही क्यूँ ना हो !!
अकेले कोई नहीं होता...संभवतः वचन देते हैं एवं संबंध बनते हैं ।। — % &
A secret which is like a life /home /world to her. The feeling and thought that completes her and gives a lot of happiness which can also be referred as *Happiness of wholesome*
कुछ कड़वी तो कुछ मीठी, कुछ दर्दनाक तो कुछ हसीन। कुछ सबब दे जाती हैं, तो कुछ जीने की नई आस । कुछ आँसुओं का सैलाब लाती हैं, तो कुछ किलकारियाँ जैसी खुशी ।— % &