Aditi Pathak   (अदिति पाठक)
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Writer-poetess_learner😊✌
Joined 2 April 2017


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9 HOURS AGO

चाहे कितने भी प्रयत्न कर ले,

परन्तु एक स्त्री के प्रेम और समर्पण को एक पुरुष नहीं पा सकता,

क्योंकि पुरुष स्त्री को अपने जीवन में लाता है,

परन्तु एक स्त्री पुरुष को अपना जीवन ही बना लेती है।

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1 MAY AT 12:47

चुप्पी और आवाज़,

एक चुप्पी झूठ की जो हर बात दो पल को सँभाले,

एक आवाज़ सच की जो पल बिगाड़े परन्तु जीवन सँभाले।

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1 JAN AT 23:20

एक और साल,
हाथों से फिसल गया।
कुछ नया दे गया,
कुछ पुराना साथ ले गया।
आँखें खुली मानो नींद से,
और देखा पंचांग पलट गया।
देखते ही देखते एक और साल,
हाथों से फिशल गया।

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22 NOV 2023 AT 11:38

एक इंसान के अन्दर,
भरा हुआ सैलाव,
बाहर निकलने को बेताब रहता है,
सब बातें सुन कर,
हर एक आंसू पीकर,
हर एक बात का उत्तर,
बस भीतर ही सिमट के रह जाता है,
मानो एक ज्वालामुखी के रूप में,
और फिर जब सुनने की सारी हदें पार हो जाती हैं,
फिर वो ज्वालामुखी एक दिन फूट पड़ता है,
सारी चुप्पी टूट जाती है,
और सारा दुख एक चींख बनकर बाहर निकलता है,
एक ऐसी चींख जो आस-पास सबको बहरा बना देती है,
उस दिन जाके इंसान का दिल शांति पाता है,
और बाकी सबका जीवन बेचैन हो जाता है।

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4 AUG 2023 AT 11:43

बस इतना सा सत्य,
किसी भी युग में,
पुरुष समझ नहीं पाता है,
स्त्री पर उठा उसका हर एक हाथ,
उसे उसके विनाश तक ले जाता है।

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18 JUN 2023 AT 17:45

खुशी में उम्मीद, मुश्किल घड़ी में आश हैं,
मेरे पिता मेरी हिम्मत हैं, मेरा विश्वास हैं।

देखने में भले ही लगते सख्त हैं, पर दिल से नरम हैं,
गले लगते ही सब दुख दूर कर दें, वे इतने मरम हैं।

बचपन से बड़े तक, मेरे सच्चे साथी हैं,
पिता जीवन की, परिवार की गाड़ी के सारथी हैं।

संघर्ष और परेशानी में, सुकून की दीवार हैं,
इस स्वार्थी संसार में, पिता निस्वार्थ प्यार हैं।

जिसके पास पिता है, वह सबसे अमीर है,
भगवान का ही एक रूप, मेरे पिता का शरीर है।

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8 JAN 2023 AT 23:21

मेरे पंखों में बहुत ऊंचा उड़ने की क्षमता है,
नीचे गिराने वाले कर लें मन चाही मेहनत,
सूरज कितना भी तेज क्यों न हो,
समंदर को सुखा नहीं सकता।

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4 JAN 2023 AT 22:54

दस्तूर है बहुत पुराना ज़माने का,
औरत को देखा जाता है,
हुनर की नहीं, हुस्न की नजरों से।

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31 DEC 2022 AT 11:12

पुराना साल बीत गया,
नया साल दरवाजे पर दस्तक दे रहा है,
कुछ पुराना पीछे छूट गया,
कुछ नया पा लिया,
कई पुराने यार पीछे कल में रह गए,
कई नए यार बना लिए,
किसी से दिल टूटे गए,
किसी से दिल जोड़ लिए,
पलकें झपकते ही मानो जैसे,
जीवन का एक पन्ना अपने आप पलट गया,
एक और साल बीत गया,
एक नया बाहें फैलाए सामने खड़ा है।

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6 NOV 2022 AT 21:26

यार जिन्दगी,
सुनो ना,
हमारी बात दौड़ने की हुई थी मैं मानती हूं,
पर थक कर दो पल,
सुकून से बैठने में कोई दिक्कत नहीं,
हाँ भाग-दौड़ तो है ही,
लेकिन मेरी प्यारी जिन्दगी,
मन भरके तुम्हे जीना भी तो जरूरी है ना।

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