मैंने जी कर दिखाया, तुम्हारे बिना
प्याला विष भर कर खाया, तुम्हारे बिना
तुम तो चलते गए, बस निकलते गए
मैं तो ठहरी रही थी, तुम्हरे बिना
मैंने जीवन गवाया, तुम्हारे बिना
क्या सुख तुमने पाया, हमारे बिना
झूठ बोलो जमाने से लाख तुम मगर,
क्या जायज था जाना हमारे बिना!-
प्रकाश दीप से जलते हो ना
आशा है जलते रहो,
तिमिर हरण के इस प्रकरण में
खुद तिमिर में ढलते रहो,
प्रकाश दीप से जलते हो ना
जाओ, अब बस जलते रहो
यदी सत्य कभी प्रकाशित हो
समझो जब जीवन शापित हो,
उस करुण समय की शैया पर
गिर गिर कर कर्म की ढ्या पर
हम कहते हैं तुम चलते रहो
उस तिमिर में ही ढलते रहो!-
तुम्हे भुलाने के लिए और क्या करे हम,
अब तो हमने दीपक को दीया कहना भी शुरू कर दिया हैं!-
उसने पूछा कुछ याद आया,
मैंने कहा सब याद है -"वो तुम्हारा जीना और मेरा मरना क्या तुम्हे याद है"?-
दूरियां जब बढ़ी, तो गलतफेमियां भी बढ़ी
फिर उसने वो भी सुना, जो मैंने कहा ही नहीं-
एक एक दीवार को पता है
कि तुम मेरे लिए क्या हो ,
पर जब तुम ही नहीं जानते
तो फिर, तुम क्या हो!!-
किसी को आशुओ की नदी में डुबोकर
खुद नाव से समुन्दर पार करने जो जाते है ना,
यह वही है, जो किनारों पे आकर डूबते नजर आते है!-
कुछ झूठ थे सुनहरे से, मात यहां हुई
कि, हम उन्हे सच मान बैठे
कुछ नजारे थे हसीन से,
हम उन्हे तस्वीर मान बैठे
और,
कुछ लोग थे फरेब से, खता हुई,
हम उन्हे जरा करीब मान बैठे!-
तुम्हारे एक आशु पर
जिंदगी लुटाने वाले हम,
तुम्हारी इस मुस्कान की वजह से
कितना रोए हैं, कैसे बताए तुम्हे💔
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तुम्हे तुम्हारी मुस्कान मुबारक
हमारा गमों से जरा रिश्ता पुराना है-