Aditi Gupta   (अदिति गुप्ता)
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Like to write poetry # Big fan of yahya bootwal
Blow of candles 27 October🍰🍰🍫🍫
Joined 23 June 2019


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2 DEC 2021 AT 22:42

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5 MAY 2021 AT 0:53

बिखरे पन्नों को मैंने आज फिर समेट रखा है,
जो कहानी अधूरी थी,उसे आज फिर दोहरा रखा है
न जाने कहानियों में अब किसका दीदार हुआ है
बस इतना पता चला है, कि वहां तू तो नहीं खड़ा है।

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5 MAY 2021 AT 0:40

मुखडे को अपने चादर से क्यों ढक रहे हो
गहरा राज है कोई, या फिर गुनाह छुपा रहे हो।।

अदिती गुप्ता


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1 NOV 2020 AT 7:49

ख्वाब की तरह सपनों के बहाव में;
तुम रह गए चाँद की तरह;
इस दिल के मकान में।

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2 OCT 2020 AT 23:51

मैं बैठी हूँ उस चादर को लिए,
जिसको सर्द रातों में ओढ़े हम बैठे थे।

मैं जागी हूँ उन सवालों के खातिर,
जिनके जवावो से तुम अक्सर मुकरा करते थे।

मैं बैठी हूँ उन आंसू को पोछे,
जो तब तेरी ख़ातिर बहा करते थे।

मैं हसती हूँ उन वादों के ऊपर,
जिनको जान कर हम तोड़ा करते थे।

मैं बैठी हूँ अब इक सोच में,
आखिर क्यों हम ये झूठे वादे किया करते थे।

मैं बैठी उस सच को देखने एक पल को चली,
जिसको तूने अपनी आँखों में छिपाया था।

मैं न जाने कहाँ गुम हो गई,
इन नसीली आँखों में कहीं चूर हो गई।

मैं बैठी थी, उस जादू को देखने
जिसको तुमने अब पागलपन कह दिया।

मैं बैठी थी, उस शाम भी,
एक आस को दफ़न करने।

मैं बैठी हूँ, आज शाम भी,
एक उम्मीद की किरण देखने।

न जाने तू कहा गुमनाम है अब,
न जाने तू कहा माशरुफ है अब।

मैं डर गई इस हकीकत को देख कर
तू जहाँ था वहाँ सब तेरे गुलाम थे अब।।२

*अदिती_गुप्ता*







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31 MAR 2020 AT 21:30

अगर कल कमाना है...
तो आज जीना पडे़गा
और अगर आज जीना
है, तो अब घर पर रहना
पड़ेगा......
#Covid19
Stay home stay safe

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31 MAR 2020 AT 15:48

कभी फुरसत मिलें
तो सोचना जरूर
कि
व्यापार की दुनिया
में इंसान इतना गिर
गया.... कि अपनों को
ही मारनें लगा

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31 MAR 2020 AT 15:37

अगर किसी इन्सान
को बुरा बनाना है
तो उसकी अच्छाई
का फायदा उठाकर
कर देख लो...
😊😊

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30 MAR 2020 AT 2:08

इन दूरियों और
बंद दरवाज़ो ने
रिश्तों की पहचान
करना
सिखा दिया...
📵📵

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29 MAR 2020 AT 20:56

बेरुख सी जिन्दगी में
कुछ रंगो की बहार
तरह.....
वो आया.....
रंग तो बहुतों नें...
लगाया पर उसकी
😶😶
तरह न लगा पाया.....

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