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Blow of candles 27 October🍰🍰🍫🍫
बिखरे पन्नों को मैंने आज फिर समेट रखा है,
जो कहानी अधूरी थी,उसे आज फिर दोहरा रखा है
न जाने कहानियों में अब किसका दीदार हुआ है
बस इतना पता चला है, कि वहां तू तो नहीं खड़ा है।-
मुखडे को अपने चादर से क्यों ढक रहे हो
गहरा राज है कोई, या फिर गुनाह छुपा रहे हो।।
अदिती गुप्ता
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ख्वाब की तरह सपनों के बहाव में;
तुम रह गए चाँद की तरह;
इस दिल के मकान में।-
मैं बैठी हूँ उस चादर को लिए,
जिसको सर्द रातों में ओढ़े हम बैठे थे।
मैं जागी हूँ उन सवालों के खातिर,
जिनके जवावो से तुम अक्सर मुकरा करते थे।
मैं बैठी हूँ उन आंसू को पोछे,
जो तब तेरी ख़ातिर बहा करते थे।
मैं हसती हूँ उन वादों के ऊपर,
जिनको जान कर हम तोड़ा करते थे।
मैं बैठी हूँ अब इक सोच में,
आखिर क्यों हम ये झूठे वादे किया करते थे।
मैं बैठी उस सच को देखने एक पल को चली,
जिसको तूने अपनी आँखों में छिपाया था।
मैं न जाने कहाँ गुम हो गई,
इन नसीली आँखों में कहीं चूर हो गई।
मैं बैठी थी, उस जादू को देखने
जिसको तुमने अब पागलपन कह दिया।
मैं बैठी थी, उस शाम भी,
एक आस को दफ़न करने।
मैं बैठी हूँ, आज शाम भी,
एक उम्मीद की किरण देखने।
न जाने तू कहा गुमनाम है अब,
न जाने तू कहा माशरुफ है अब।
मैं डर गई इस हकीकत को देख कर
तू जहाँ था वहाँ सब तेरे गुलाम थे अब।।२
*अदिती_गुप्ता*
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अगर कल कमाना है...
तो आज जीना पडे़गा
और अगर आज जीना
है, तो अब घर पर रहना
पड़ेगा......
#Covid19
Stay home stay safe
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कभी फुरसत मिलें
तो सोचना जरूर
कि
व्यापार की दुनिया
में इंसान इतना गिर
गया.... कि अपनों को
ही मारनें लगा-
अगर किसी इन्सान
को बुरा बनाना है
तो उसकी अच्छाई
का फायदा उठाकर
कर देख लो...
😊😊-
इन दूरियों और
बंद दरवाज़ो ने
रिश्तों की पहचान
करना
सिखा दिया...
📵📵-
बेरुख सी जिन्दगी में
कुछ रंगो की बहार
तरह.....
वो आया.....
रंग तो बहुतों नें...
लगाया पर उसकी
😶😶
तरह न लगा पाया.....
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