मालिक मेरे, अगर अब चिता जले तो उस राख में बेटी ही मिले, राजा बेटा से ही सारी कोख भरना पुरुष प्रधान देश नही, दुनिया करना एक एक हर एक लड़कियों के जिस्म नोच खाओ 206 हड्डियों को 206 बार तोड़ डालो ज़ुबान क्या है? तुम रूह नोच डालो लड़की शब्द अनजान बना डालो तुम जितना चाहे खुद को बड़ा बना लो खुदा करे तुम अपनी सारी भूख मिटा लो
धर्म के शोर में देश की बात कौन करता है। भगवा और हरे की रंझ में शहीदों की बात कौन करता है। अमीरो के दौड़ में गरीबों की बात कौन करता है। लापरवाही के संदेश में मिटते सभ्यता की परवाह कौन करता है।
सांस... जीवन की पहली क्रिया हम,ना तो कभी भीतर आती हवाओं पे नियंत्रण रखते, और ना ही बाहर जाती हवाओं का अफसोस करते, तो फिर लोगों के आवह-जाही पे मोह कैसा???