Aditi Anand   (Dear Aditi)
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Joined 14 September 2019


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Joined 14 September 2019
15 OCT 2022 AT 15:39

Dear maa :⁠-⁠)

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15 OCT 2022 AT 15:36

Dear papa :)

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15 OCT 2022 AT 14:32

Heyyy....teenage self,hope you're rocking gurllll

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8 MAY 2022 AT 20:37

बाबा - दादी माँ
बहुत याद आती है आपकी....

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29 APR 2022 AT 0:43

To the girl,
who is always insecure about herself,who overthinks each and every small moments,who procrastinates sometimes daily,who loves but can't express easily,the one who has a very small friend circle,who can't express her thoughts to everyone out there,who loves long walks,who's still the old school girl listening to 90s music and vibes on "lag ja gale", who loves late night talks without being judged,who's total filmy and believes in some bollywood masterpiece,who sings-dance and even talk to herself like a crazy girl when alone,who might hurt someone and feel guilty everytime, who doesn't know how to show love,who freaks out when things aren't working out,who doesn't wants to socialize everytime,who just needs a person to vibe on,who's trying to live up to the expectations of her parents and dear ones,who cries and sobs like a child,who can't control her tears while arguing and feels embarrassed after that,who's having such a big dream,who smiles hiding from people out there thinking she might be crazy,who wants to seize the day everytime, who's trying to be happy in front of everyone,who's struggling to find her worth....
Its gonna be okay!!
Lots of love ❤️
Aditi : )

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3 FEB 2022 AT 15:52

एक अर्शे बाद पड़ी गांव के चूल्हे पे नज़र

पता चला कि सारे गाँव-वासी शहर को जा चुके हैं : )

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26 JAN 2022 AT 9:04

मैं हर इक खाकी कि कहानी हूँ..!!
जीवन हूँ । मृत्यु हूँ । यथार्थ हूँ । संघर्ष हूँ ।
परिवार और देश के बीच कि रवानी हूँ....
मैं हर इक खाकी कि कहानी हूँ
धैर्य हूँ । त्याग हूँ । शौर्य हूँ । बलिदान हूँ ।
सर्द और तूफान के बीच खड़ी जवानी हूँ....
मैं हर इक खाकी कि कहानी हूँ
प्रेम हूँ । मीत हूँ । शत्रु कि पछाड़ हूँ । शेर कि दहाड़ हूँ ।
माँ का अंश और पिता के गर्व कि निशानी हूँ....
मैं हर इक खाकी कि कहानी हूँ
धर्म हूँ । क्रोध हूँ । दक्ष हूँ । प्रबुद्ध हूँ ।
मैं शूरमा हूँ देश का,तिरंगे में लिपटी वो याद सुहानी हूँ....
मैं हर इक खाकी कि कहानी हूँ


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23 DEC 2021 AT 23:08

इतने ख़ामोश क्यों हो,किस बात का गिला है
दर्द भरे इस जहां से चन्द टुकरा ही तो तुम्हें मिला है
मिल जाएंगी तुम्हें भी तुम्हारे हिस्से कि खुशियां इक दिन
आज जो ग़म-ए-बरसात मिला है तो किस बात का गिला है

ना जाने किस कि चाहत में पत्थर भरी घाटी में भी इक फूल खिला है
बयां कर हि दिया सबको तो किस गम का ये सिलसिला है
आएगा कोहिनूर इक दिन तुम्हारे हिस्से भी
आज जो ख़ल्वत-ए-इंतिजार मिला है तो किस बात का गिला है....!!

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6 JAN 2022 AT 20:37

कभी कभी एक ऐसा पल हम सब की जिंदगी में आता है जब हमे लगता है कि सब कुछ अधूरा सा है, अधुरे सपने ,अधूरे रिश्ते ,अधूरी यादें, अधूरे हम....कितनी बातें हम दिल में दबाये रहते हैं फुर्सत में बैठकर जिंदगी से बयाँ करने को,सपनों के पीछे भागता ये थका हारा मन कभी कभी सवाल करता है, क्या यही चाहिये था तुझे जिंदगी से....?सोच में पड़ जाती हूं।कहीं कोने में दवा बचपन याद आता है, वह बिना बात के हमेश खिलखिलाना, खेलना - कूदना,दो बातें सुन कर भी दो पल चुरा कर भाग जाना, सब कुछ बदल जाता है न बीतते वक्त के साथ,बस वक्त नहीं बदलता,अचानक एहसास होता है की ये सब तो एक तमाशा है हम तो यहां बस एक किरदार हैं,निर्देशक तो कहीं दूर आसमां, बादल,सूरज, हवा और पानी से परे एक अनजान देश में है...
बांहे फैलाये मौत कहीं मेरा भी इंतजार कर रही होगी तो क्या करूं? मौत से डरूँ या दो पल जिंदगी के और चुरा कर खुशियों के पिटारे में बंद कर लूँ, बहुत सोचा, फिर एहसास हुआ किरदार है ना तो क्यों नहीं यादगार रहे.....!!!

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6 JAN 2022 AT 19:59

दशाश्वमेध घाट और गंगा आरती कि खूबसूरत झांकी हूँ मैं
महाकाल कि नगरी काशी हूँ मैं ...!

रामचरितमानस के सृजन का स्थान हूँ मैं

ऋग्वेद,अथर्ववेद,स्कन्द पुराण में उदगम का प्रसार हूँ मैं

तीनों लोकों में समाहित हूँ,पद्म पुराण का महात्म्य हूँ मैं

मत्स्य पुराण में शिव के वर्णन का सार हूँ मैं

महादेव द्वारा स्थापित महात्म्य का सार हूँ मैं

सप्तपुरीयों में एक,राजघरानों कि शान हूँ मैं

महर्षि अगस्त्य,धन्वंतरि,गौतम बुद्ध, कबीर,लक्ष्मीबाई,पाणिनी,पतंजलि,शंकराचार्य,महर्षि वेदव्यास,और गोस्वामी तुलसीदास का निवास स्थान हूँ मैं

समृद्ध जनपदों का स्वर्णिम काल हूँ मैं

कुल्हड़ वाली चाय,लस्सी- ठंडाई,टमाटर कि चाट और मलअइयो कि मिठास हूँ मैं

बारह ज्योतिर्लिंग में से प्रमुख,
मणिकर्णिका घाट पर जीवन के अटल सत्य का अहसास हूँ मैं

खट्टी-मीठी यादें समेटे दीपों से साजी हूँ मैं
महाकाल कि नगरी काशी हूँ मैं ...!!

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