मेहंदी लगाए बैठे हैं कुछ इस अदा से वो,
मुट्ठी में उन की दे दे कोई दिल निकाल के...
-
Insta- @the__paracetamol
اس بدلتے دور میں اب آگیا ہوں میں کہاں؟
نا کوی پردہ نشیں ہے، نا نظر جھکتی یہاں۔
इस बदलते दौड़ में अब आ गया हूं मैं कहां?
ना कोई पर्दा-नशीं है, ना नज़र झुकती यहां।-
मैं तेरे नक्श-ए-पा झुठला रहा था,
मगर सच है मैं पीछे आ रहा था।
उदासी कल मेरे बिस्तर पे सोई,
कोई साया मुझे बहला रहा था।
बहोत नज़दीक़ थे एग्ज़ाम के दिन,
मैं तेरा नाम रटता जा रहा था।
शिफ़ा मिलने लगी थी इस दवा से,
मैं तेरी झूठी कसमें खा रहा था।
फिर उसके बाद उसकी लाश आयी,
जो बरसों बाद घर को आ रहा था।-
میرے اندر نہیں لکھنے کی تڑپن،
ہے تڑپن اس لیے میں لکھ رہا ہوں۔
मेरे अंदर नहीं लिखने की तड़पन,
है तड़पन इसलिए मैं लिख रहा हूं।-
جب تلک انجان تھے محفوظ تھے،
جان لینا جانلیوا ہو گیا۔
जब तलक अनजान थे महफूज़ थे,
जान लेना जानलेवा हो गया।
-
ख़ुशी क्या है?
सब नज़रिए की बात है।
कोई खिलौने ख़रीद के ख़ुश था,
तो कोई उसे बेचकर...
-
दिल इससे अंजान हमारा,
इश्क़ में है नुक़सान हमारा।
इतने ख़्वाबों ने तोड़े हैं दम,
दिल लगता शमशान हमारा।
खुद ही चलना सीख गए वो,
क्या उनपर एहसान हमारा।
थोड़ी हिम्मत तू भी तो कर,
रस्ता हो आसान हमारा।
इतना पाक़ नहीं दिन कोई,
जितना है रमज़ान हमारा।-
दुनिया का एक सच तुमको बतलाता हूं,
सच को नहीं सुनती ये दुनिया मत बोलो।
मेरी आंखें ख़ुद्दारी का बर्तन हैं,
कम-अज़-कम इसको तो कासा मत बोलो।
पहले खुद बीनाई छीनी लोगों ने,
फिर बोले अंधे को अंधा मत बोलो।
हर बच्चे की अब तो बस ये ही ज़िद है,
कहता है बच्चे को बच्चा मत बोलो।-
Roothne par usko kabhi kisi ne manaya na tha,
Sab ped ke saaye me the magar ped ka koi saaya na tha...-