रास्तों के किनारे मैं पेड़ बन इंतजार करुंगा
तुम बस वसंत की तरह हमेशा आते रहना
हर बार, पहली बार की तरह प्यार करुंगा ।-
चुनाव
इतनी सिद्दत से
ये वर्षों इंतजार करते हैं
मानो ये इनकी प्रेमिका
और ये इनसे बेइंतहा प्यार करते हैं।
इनके इन हरकतों से धोखा मत खाना
ये हमारे देश के बेरोजगार युवा हैं
हर चुनाव से पूर्व
ये यही रोजगार करते हैं।
फिर से हजारों वादों की सेज पर
इनके साथ सुहागरात मनाया जाएगा
ये हमारे देश के समझदार युवा हैं
जिन्हें बड़ी समझदारी से
बेवकूफ बनाया जाएगा ।
अच्छे दिन आएंगे ,
ये वर्षों से सुन रहे है ।
पर किनके आएंगे ?
इन्हें तो कोई और ही चुन रहे है ।
भ्रष्टाचारमुक्त समाज, शिक्षा और रोज़गार
इन वादों के क्या ही कहने है
हमारे विकसित देश के राजनीति के
ये बहुत ही महंगे गहने है ।
देश बदल रहा है
और बदलाव जरूरी है ।
पर इस तरह से !
भला ऐसी भी क्या मजबूरी है ?
यूं कब तक नजरें चुराओगे
खुद के गिरते हुए भाव से
अगर बदलाव मुमकिन है
तो मुमकिन है सही चुनाव से।-
अब मैं बोल कर नहीं,
कविताओं के जरिए जताता हूं,
हर कोई समझ ले , इतना आसान नहीं हूं,
जो कविताएं समझते हैं , बस उन्हें हीं समझ आता हूं ।
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मनाली की ठंडक हो या रोहतांग की तेज हवाएं
आपके जीवन में खुशियों की दीपक की लौ ,
यूं हीं जलता रहे ।
आपको और आपके संपूर्ण परिवार को दीपावली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं 💐।-
टूटा तारा
मैं आसमां का टूटा तारा
तू आसमां सारा
मैं टूट कर तुझसे हुआ किनारा
पर तुझमें चमके और भी तारा
टूटे तारे को देख के ,
मांगे ख्वाहिश इक बेचारा
उसने भी मांगा, आसमां सारा।
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तुम बरसात का मौसम
और मैं कागज की कश्ती,
तुम रज के बरसते रहे
और मैं मस्ती में तैरता रहा ,
तुम रुकने से रहे
न मैं ठहरने से रहा ,
तुम टपकते रहे हवाओं के सुर में
और मैं धुन में तुम्हारे थिरकता रहा ,
तुम बरसात का मौसम
और मैं कागज की कश्ती!
तुम्हारे बूँदों की सरगम में
मैं गीत कोई नया गुनगुनाता रहा ,
तुम लहरों की तरह उमड़ती रही
और मैं उन लहरों में बहकता रहा ,
मेरे बादलों की गूँज में,
तेरे ख्वाबों के पायल छनकता रहा ,
तुम्हारी बिजली की चमक में,
मेरे ख्वाबों का मंजर दिखता रहा,
तुम्हारी बारिश की छांव में
मैं सपनों का नगर सजाता रहा ,
तुम्हारे साथ हर पल
मैं सजीवता का एहसास पाता रहा ,
तुम बरसात का मौसम
और मैं कागज की कश्ती,
तुम अनवरत बरसती रही
और मैं जीवन की धारा में बहता रहा ।-
है इक ख्वाहिश मेरे रब से ,
हर ख्वाहिश तेरी पूरी हो ।
लाख बलाएँ दुनिया में ,
खुशियां तेरी मजबूरी हो।
यह दिन आएगा-जाएगा ,
पर तेरा होना जरूरी हो।
हैं दिल के रिश्ते दूर मगर
दिल-दिल में न कोई दूरी हो।
बस इतनी सी चाहत मेरी
हर चाहत तेरी पूरी हो ।
जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं ❤️✨❤️-
रास्तों के किनारे मैं पेड़ बन इंतजार करुंगा
तुम बस वसंत की तरह हमेशा आते रहना
हर बार, पहली बार की तरह प्यार करुंगा ।-
फिर से निकल पड़े हम ,
कल की बात भुलाकर ;
आज की तलाश में ,
कल की फिक्र सुलाकर ;
रास्तें सुनसान हैं और ,
मन थोड़ा बेचैन है ;
इन सबकी परवाह किए बिन ,
स्वप्न देखते नैन हैं ;
रास्तों पर कंकड़ों की ,
भी जमावट है नहीं ;
बढ़ रहे रफ्तार से ,
पर कदमों में आहट है नहीं ;
ये राहें ये मंजिलें हैं ,
साक्ष्य मेरे प्रयास की ;
ये आसमां बरसेगा एक दिन ,
मिटेगी प्यास - प्यास की ।
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यूं नजरों से हां कर ,
लबों से मुकर जाना
सामने से मना कर ,
अकेले में मिलने आना
कम्बख़त बड़ा मुश्किल है
इश्क की किताब को समझ पाना ।-