Adi Mishra   ("पिनाक")
847 Followers · 52 Following

Joined 16 January 2017


Joined 16 January 2017
6 NOV 2022 AT 0:56

अपने आप को यूँ भी न दरबदर करिए मुसलसल चलते किस्से को मुख़्तसर करिए
थोड़े दिन की खानाबदोशी ठीक हैं मगर
किसी एक ठिकाने को अब घर करिए

-


10 MAY 2021 AT 19:16

वक़्त की दीवार को
कुरेदना चाहा मैंने, बीते
दिनों के बढ़ते नाखूनों से
मैंने कुरेदा और झड़ने
लगी परत दर परत दीवार
गिरने लगे अच्छे बुरे
मेरे सारे पल और अनुभव
गिरकर फैल गए वो कमरे में
गन्दा होने लगा घर
गन्दा होने लगा वक़्त
गन्दा हो गया वर्तमान
गन्दी हो गई अच्छी दीवार।

-


8 MAY 2021 AT 9:03

और अबतक
मैं बस जान पाया
हूं इतना क़ी आखिर में
इंसा को दो प्यार भरी
बाँहों से ज्यादा कुछ नहीं चाहिए।

-


5 MAY 2021 AT 10:58

एक ही लम्हे में टूट फूट गया
तराश रहा था खुद को एक ज़माने से
#copied

-


27 APR 2021 AT 15:58

जिए जा रहें हैँ पर जूनून नहीं हैँ
नींद तो आती हैँ मगर सुकून नहीं है।।

-


27 APR 2021 AT 11:16

हार कर गिरे है,पर कब खड़े होंगे
मुरझाये हुए पल फिर कब हरे होंगे।

जाने से पहले इतना तोह सोचता
हम लोग पल पल कितना मरे होंगे।

-


3 MAR 2021 AT 9:58

खास था एक समय पर अब सादा हो गया हूँ
तुम्हे खुद में से घटाकर मैं आधा हो गया हूँ।।

-


3 MAR 2021 AT 9:56

डूब चुका हैँ तुम्हारी शोहरत का सिराज
उठो
अब तुम्हे नए चराग़ जलाने होंगे

-


23 FEB 2021 AT 23:51

हर गुजरते दिन से साथ
महसूस होता हैँ मुझे
एक पूरा जीवन था
जो तुझ संग जी चुका हूँ मैं
❤️nss❤️

-


20 FEB 2021 AT 23:34

वो चेहरे से ख़ुदा का फ़ज़ल लगती हैँ
ज़ब हँसती हैँ तोह मानो ग़ज़ल लगती है

-


Fetching Adi Mishra Quotes