Adi Dhangar   (Adi)
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न तुम होते
न हम रोते
Joined 31 March 2019


न तुम होते
न हम रोते
Joined 31 March 2019
24 APR 2024 AT 10:08

*तुम साथ निभा पाओगी क्या*

पहले भी दिल टूटा है मेरा।
फिर से मेरा दिल जोड़ पाओगी क्या ?

ज्यादा ख्वाहिश तो नहीं है मेरी ।
तुम मेरा साथ निभा पाओगी क्या ?

हां मै मनाता हूं , मुझसे गलतियां काफी होती है।
मुझे मेरी गलतियों पर समझा पाओगी क्या ?

थककर आऊंगा जब भी काम से , मेरे साथ बैठ कर।
चाय पिने का वक्त निकाल पाओगी क्या ?

साथ घुमाने तो सब जाते है , तुम मेरे साथ।
मन्दिर चल पाओगी क्या ?

तुम्हारी सारी ख्वाहिशें पूरी करूंगा , लेकिन मेरा साथ।
हमेशा निभा पाओगी क्या ?

कभी जो हो जाऊं नाराज तुम से , तो तुम मेरी।
नाराज़गी सह पाओगी क्या‌ ?

तुम्हें हमेशा खुश रखुगा , लेकिन मेरी खुशी का ख्याल।
तुम रख पाओगी क्या ?

लोग कहते हैं , लड़कियां नहीं देती साथ।
तुम मेरे साथ मिलकर , लोगों को ग़लत साबित कर पाओगी क्या ?

सुनो......।
तुम सिर्फ मेरी ही बनकर रह पाओगी क्या ?

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1 JAN 2021 AT 0:33

2020
गए साल ने ज़िंदगी को नया आयाम दिया
जो शामिल थे दौड़ में उन्हें भी विराम दिया।
दुनिया के रंगमंच का दृश्य ही बदल दिया
जीने के अंदाज़ को कठिन से सरल किया।
"घर से काम" और घर के काम सिखाने आया था
ये साल हमे भूले बिसरे कुछ काम गिनाने आया था।
किसी की रोजी छिन गयी कोई हालात पे रोया
कोई लड़ा कोविड से ,कुछ ने अपनो को खोया।

मास्क और सैनिटाइजर की आदत भी अपना ली
हाथ मिलाना छोड़ कर नमस्ते की प्रथा बना ली।
शायद यह साल हमको सबक सिखाने आया था
"हम ज़िंदा ये उपलब्धि है",
याद दिलाने आया था।

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9 DEC 2020 AT 19:58

होता हो होगा तुम्हारे यहां
समुन्दर सबसे गहरा
हमारे यहां तो आज भी
इश्क से गहरा कुछ नहीं

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30 NOV 2020 AT 21:22

कुछ नहीं बदला मोहब्बत में यहां
बस बेवफाई आम हो गई है
चाहा जो मिला नहीं बस
चर्चाएं तमाम हो गई है

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4 SEP 2020 AT 20:34

मसहूर है मेरे अल्फाज और मेरी शायरी
मगर एक पागल एसी भी है
जो मुझसे मनाई नही जाती

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3 SEP 2020 AT 14:14

जंचता है तुम्हारे होंठो पर मुस्कुराना
मेरी आँखों में उदासी खूबसूरत लगती है

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19 AUG 2020 AT 9:01

उसका होना कुछ इस तरह महसूस कर लेते हैं
उसकी तस्वीर सामने रख कर चाय दो कप पी लेते हैं

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3 AUG 2020 AT 12:01

लकीरों से हार गया साहब
वरना इश्क कमाल का था

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23 JUL 2020 AT 5:48

सिर्फ जवानी तक की मोह्ब्बत कौन चाहता है
मुझे तुमसे झुरियो तक का इश्क़ चाहिए

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16 JUL 2020 AT 8:09

ताउम्र ख़ुदा से फ़रियाद तो कर सकता हूँ
मेरी है मैं उम्र अपनी बर्बाद तो कर सकता हूँ
जब चाहूँ तुम्हें मिल नहीं सकता लेकिन
जब चाहूँ तुम्हें याद तो कर सकता हूँ

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