मेरे ज़ख्मो को कहीं फिर तू हरा न कर दे
मेरे प्यार को समझने में देर ज़रा न कर दे
डर तो इस बात का लगा रहता है हमेशा
कोई दूसरा आकर मुझे तीसरा न कर दे-
रचनाओं में ग़ालिब को गढ़ता हूँ,
खैराबादी भी मुझे समझ मे आते है,
मैं मीर ... read more
तुम वो करती हो काम जो तुम्हें करना होता है
समझा करो कुछ बातें हैं जिनसे डरना होता है
जितनी ज़िंदगी जीनी है जी लेनी चाहिए यारा
एक मोड़ पर आ कर तो सभी को मरना होता है
मैं तुम्हारी छोटी छोटी चीज़ों से भी प्यार करता हूँ
तुम्हें मेरी हर छोटी छोटी ग़लती पर लड़ना होता है
मेरा समय औरों में बाँटा जा रहा है जाने कब से
तुम जानती हो इस समय मुझे कॉल करना होता है-
चुप-चुप सा रहता हूँ मैं अब दहाड़ता नहीं
ऊँची ऊँची शेख़ी मैं कभी बघारता नहीं
कर लिया है सीमित ख़ुद को चंद लोगों में
हाथ पाँव अब इधर उधर मैं मारता नहीं
दिल को टिका रखा है उस एक पर मैंने
अब इस से ज़्यादा तो मैं इसे बिगाड़ता नहीं
ख़ुद को इतना उजाड़ लिया है मैंने कि अब
कितना भी बिखर जाऊँ ख़ुद को सँवारता नहीं
दुनिया जिसके लिए हैं ख़ूबसूरत तो हो
मैं अपने जिस्म की धूल अब झाड़ता नहीं
तुम आना चाहो तो आ सकते हो पास मेरे
अब मैं किसी को बुलाने के लिये पुकारता नहीं-
मैं समुद्र सा विचलित हर पल
मेरा ठहराव, किनारा हो तुम
माँ के बाद अगर मैं समझूँ
मेरा सबसे बड़ा सहारा हो तुम-
मेरे सवालों का हल है तू
मेरा आने वाला कल है तू
तू माने या न माने मगर
मेरे अच्छे कर्मों का फल है तू-
आज ख़्वाबों ने फिर वही बातें दुहराई हैं
चंद घड़ियाँ हमने जो संग-संग बिताई हैं
मेरे कांधे पर जब तुमने सर रक्खा था
वो तस्वीरें सच में कितनी प्यारी आई हैं-
अब तुम्हारी याद कितनी भी आये बताऊँगा नहीं
दिल कितना भी करे तुम्हें गले से लगाऊँगा नहीं
हाँ ये सच है कि प्यार तुमसे बेशुमार करता रहूँगा मगर
तुम कितना भी पूछोगी अब कुछ बताऊँगा नहीं
फ़र्क़ नहीं पड़ता शायद तुम्हें अब जज़्बों से मेरी
दुख कितना भी छिपा हो भीतर जताऊँगा नहीं
ख़ुद से भी अब की मैं यदि रूठ गया अगर तो
ख़ुद को कितना भी हो मैं मनाऊँगा नहीं
तुम्हें नहीं देना जवाब मेरे प्यार की बातों का
न दो! मैं भी अब हमारे दरमियाँ प्यार लाऊँगा नहीं-
नहीं जानता था किस्मत
कब तक मुझे भड़की मिलेगी
मैं सोचता था कब जीवन में
प्यार की खिड़की खुलेगी
मुझे नहीं पता था वो सब
बात तुम्हारी कर रहीं हैं
मुझसे लड़कियों ने कहा था
तुम्हें सबसे बेहतर लड़की मिलेगी-
बीत रहे हैं दिन हमारे तुम्हारी याद में
हाथ जोड़े हैं तुम्हे पाने की फ़रियाद में
कर लें तुम्हे पहले हम याद फ़ुर्सत से
करेंगे काम बाकी सारे अब हम बाद में-
वो नखरे करती है तो बिल्कुल बच्ची लगती है
प्यार से झूठ भी बोले तो भी सच्ची लगती है
हमारी साथ की तस्वीरें देर तलक देखी हैं मैंने
हमारी जोड़ी साथ में कितनी अच्छी लगती है-