जो पुरुष अपनी पत्नी के परिवार
को स्वयं का परिवार ना समझे
जो अपनी स्त्री को लक्ष्मी ना समझ सके
उसके द्वारा किए गए गृहत्याग की पीड़ा ना समझे
उसके करुणामय हृदय को थाह न सके
उसके सम्मान के लिए स्वयं लड़ ना सके
उसे अभी पति नहीं, बालक ही रहना चाहिए।-
अधूरी कहानी
(Sayar)
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Paramilitary force BSF, ITBP And Indian Railway
Joined 4 May 2019
28 MAY 2022 AT 13:39
28 MAY 2022 AT 12:27
जो स्त्री अपने पति के परिवार को
अपना परिवार नहीं मान सकती
अपने त्याग से बड़ो का मान नहीं रख सकती
इच्छाओं का सीमांकन नहीं कर सकती
उसे बहू नहीं, अभी बेटी ही बना रहना चाहिए।-
10 JAN 2022 AT 17:38
मंजिल की तलाश में बेफिक्र चल पड़े
इन सब के बीच कुछ अहम भूल चले
जिन रिश्तों के लिए देखे ये सपने
वो ही आज हमसे मुंह मोड़ चले।-
9 JAN 2022 AT 9:09
लड़की वो है जो ससुराल जा अपनी जिम्मेदारियां समझे
ना कि पति की कमाई और उसके हिस्से को।-
7 JAN 2022 AT 16:13
यूं चंद दिनों में ही सास को बोझ समझती है
सुना है घर में तेरा एक भाई भी है।-
30 DEC 2021 AT 23:45
आप लाख मांग लो उनसे 5 सालों में - कुछ ना मिलेगा (नौकरी,महंगाई पर रोक, स्वास्थ्य सुविधा,अच्छी सड़कें,गरीबों को मकान,गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा )
अंतिम समय में वो आयेंगे,तुम्हे जनता जनार्दन कहा जाएगा, तुम्हे बहलाएंगे और तुमसे मांग के ले जायेंगे - तुम्हारा जी हां आप का कीमती वोट
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