पिता पर क़र्ज़ चढ़ाकर
कैसे वो गहनों में लदकर बैठती है
आप तो अंदाज़ा भी नहीं लगा सकते
क्या गुजरती है उस दुल्हन पर
जो अपने सभी ग़मों को भूलकर
अपनी ही प्रदर्शनी पर
समाज के लिए हँसती है।-
उस अधूरे😬लफ़्ज़🗨️ को🖋️
खामोश अल्फ़ाज़ों📄📑 में बयां✍️ करते है।
एक अधूरी... read more
जिस तरह लोग पन्नों पर लिखते है और मिटाते है
उसी तरह ही दूसरों को
पहले अपनाते है और फिर पराया कर जाते है।-
मन की सुंदरता ही साथ जाएगी।
तन का क्या है
तन की खूबसूरती तो बस
स्वार्थी लोगो को ही लुभाएगी।-
किसी को इस कदर अपना न बनाना
कि उसके जाने के बाद हो जाये सब वीराना।
माना दिल है आ जाता है किसी पर
पर दिल की बात कहना सोच समझकर।
क्योंकि वो तो चले जाते है
पर हर दिल संभल नहीं पाते है।
कई बार एक छोटी सी तकरार भी दूर कर जाती है
और आपके पास सिर्फ और सिर्फ तन्हाई रह जाती है।-
ख़ामोशी सिर्फ जुबाँ पर है
दिल में तो वही हलचल होती है।
बाहर से मुस्कुरा जाते है लब
पर अंदर से वही आत्मा
बिलख बिलख कर रोती है।
कुछ बातें उसके मन को हमेशा परेशान करती है
शायद वो अपनों से कहने में थोड़ा डरती है।-
ख़ुद की बेपरवाही
दूसरों के अवगुणों पर
दे देते है तुरंत गवाही।
कौन क़ुबूल करता है
सामने वाले की गलतियाँ
निकाल देते है जीवन से
जैसे फूल बदलती है तितलियाँ।-
तुम्हारा इंतज़ार करती थी
उसका इंतज़ार करते थे
इसी तरह सबकी
भावनाओ से खिलवाड़ करते थे।-
था कभी तुम्हारा हक़
अब गुजर गया वो जमाना।
जब उस वक़्त तुमने हमें अपना ना माना
फ़िर आगे भी कभी हक़ जताने ना आना।-
क्या भूल गए हो तुम
जब वो आती तो मुस्कुरा देते थे तुम
उसकी हर बात को सीने से लगा लेते थे तुम।
जब वो डगमगाती तो हाथ थाम लेते थे तुम
उसकी हर मंज़िल को अपना मान लेते थे तुम।-