तेरी बातें मेरी लिए सांसे हैं
तू ना बोले तो बेचैनी होती है
तेरा रूठना मेरे लिए सज़ा है
तेरी हंसी मेरे लिए कहानी है
मेरा प्यार तेरे लिए बेशुमार है
बेहद है असीम है आपार है-
कल तक दिल बोलता था तुझसे बातें करूं
आज दिल ने दस्तक दी की तेरी लत छोड़दूं
कोई वजह नहीं थी मेरी तुझे भूल जाने की
तू हो चुकी किसी ओर की ये कुछ कम नहीं
सह लेता था तेरी हर नाराज़गी मुस्कुराते हुए
तू देखती ही नहीं मेरी ओर ये नहीं सही गई
वो बोली ‘सुनो तुम अब लौटकर मत आना’
पर वो मेरी यादों से खुदको मिटाना भूल गई-
क्यों सच नहीं होती हैं यादें
ये क्यों सिर्फ एक झलक बनके रह जाती हैं,
अगर वाकई भाव बनके रहना है इन्हें
तो क्यों दूर नहीं जाती है यादें ।-
मैं तुझपर क्यों इल्ज़ाम दूं
मेरे ख़ुदमें हैं कमियां बड़ी
मैं तुझपर क्यों तीर चलाऊं
निज क्रूरता नष्ट किया नहीं-
तुमने मुझे तब संभाला
जब मैं बिखर रहा था,
इसलिए आज भी तेरे
आने की उम्मीद रहती है-
तुम बोल कुछ रही हो
आंखें कुछ कह रही हैं
तुम भूलना चाहती हो
भुला नहीं पा रही हो
तेरी बातों में तो दर्द है
पर होठों पर मिठास है
पाना चाहती हो फिर से
पर कह नहीं पा रही हो-
मैं तो तुम्हें चांद कहता था
तुमने खुदको ही छिपा लिया
मुझे तेरी चांदनी में रहना था
तुमने तो ग्रहण ही लगा लिया-