अरमाँ हैं तेरे साये में डूब जाएँ
कमबख्त हमने तैरना न सीखा।-
7 OCT 2022 AT 21:08
दिन की रोशनी में सोता है मेरा दिमाग़
इसलिए हम चाँद से मोहब्बत करते हैं
किसी के मिलने न मिलने से बेख़ौफ़ हैं
इसलिए तो ख़ुद अपने आप से मोहब्बत करते हैं।-
दिन की रोशनी में सोता है मेरा दिमाग़
इसलिए हम चाँद से मोहब्बत करते हैं
किसी के मिलने न मिलने से बेख़ौफ़ हैं
इसलिए तो ख़ुद अपने आप से मोहब्बत करते हैं।-