Adhuri kitaab   (कोरे पन्ने)
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Joined 24 October 2020


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4 NOV 2024 AT 7:38

अभी ज़ख़्म नया है याद आती है
तुम्हें भी आती होगी शायद
लेकिन जानता हूँ जल्दी ही
आदत हो जाएगी अकेलेपन की
और एक दिन सब धुंधले पड़ जाएंगे
तुम्हारी बातें,तुम्हारे मैसेज,
तुम्हारी यादें,तुम्हारे वादे
और तुम्हारा चेहरा भी
और कभी बहुत ज़ोर देने पर
आएगा याद तुम्हें मेरा चेहरा
और कभी अचानक सपने से
जाग जाओगी मुझे देखकर
और सोचोगी वज़ह हमारे अलगाव की
और मुझे भी अनायास ही किसी हंसती हुई
लड़की को देखकर तुम्हारी याद आ जायेगी
तब गहरी साँसों के साथ
हमारे पास बचे होंगे सिर्फ दो "काश"
एक काश तुम्हारा कि काश
उसके साथ ऐसा ना किया होता
और एक काश मेरा कि काश
पहले की तरह उस दिन भी बर्दाश्त किया होता

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3 NOV 2024 AT 9:55

झूठी क़समें, झूठे वादे और तसल्लियां
इस मुहब्बत में हमको मिला ही क्या है

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14 JAN 2024 AT 6:47

तमाम उम्र की ख़ुशनसीबिंयों पे भारी है
वो दो घड़ी जो तेरे साथ मे गुज़ारी है

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8 OCT 2022 AT 20:44

मुद्दतों की थकन उतार देता है
तेरा ख़्वाब मेरी तबियत सुधार देता है

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7 OCT 2022 AT 20:53

जो इक बात बस तेरे मेरे दरमियाँ होनी थी
वो हमें छोड़कर सारे ज़माने की जुबां पे है

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1 OCT 2022 AT 19:37

ऐ ख़ुदा किस क़दर तूने मेरी ज़िंदगी सँवारी है
सब ज़िंदगी को जीतें है मैंने ज़िंदगी गुज़ारी है

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2 JUL 2022 AT 13:48

इक यही बात उसे सबसे जुदा रखती है
वो पास भी होती है मग़र फासला रखती है
मैं जब भी किसी और का होने वाला होता हूं
वो अपना हाथ मेरे कांधे पे आ रखती है

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1 JUL 2022 AT 8:04

ये जो शहर में बस्तियां जलाई जा रही है
ज़रा सोचो किसकी प्यास बुझाई जा रही है

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29 JUN 2022 AT 12:51

जो भी देखता हूँ वो ख़्वाब टूट जाता है
एहतियातन तू मेरे सामने ना आया कर

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22 JUN 2022 AT 21:13

इक अरसा तुझे ख़ुद से भी छुपाए रखा
इक उम्र से तुझे ख़ुद में ही ढूंढ रहा हूं मैं

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