दीपको की रोशनी में सारा शहर नहाया है।
रोशनियों का त्यौहार दीपोत्सव आया है।।
यूंही जिंदगी में ये शामें आती रहे।
खुशहाल रहे परिवार आपका
और खुशियां दीपकों सी जगमगाती रहे।।-
निगाहों से दिल का सफ़र बाकी है।
अभी तो बस एक पन्ना देखा है।
पिक्... read more
यूँ तो नानी के घर की
खुशियों की चाबी होती है।
खुशनसीब होते है वो जिनके
पास माँ जैसी मामी होती है।।-
ना कोई बताएगा ना
किसी का कुछ कहा समझ आयेगा।
ये बचपन है जब भी मिलेगा खुद से
यूँही खुलकर मुस्कुराएगा।।— % &-
हर रोज सुबह सूरज ओर
रात में अँधेरा खुद ब खुद आता है।
ठीक वैसे ही प्यार
होता नही है बस हो जाता है।।— % &-
मिला दो सपने माटी में
मग़र कल मेरा जहांन देखना।
आज जमीन पर देखकर
जी भर कर हँस लो
लेकिन कल मेरा परिंदों से
ऊँचा आसमान देखना।।— % &-
ओ जमाने मेरी मौत पर
अफसोस ना करना।
मैंने खुद हँँसते-२ अपना
फ़साना लिख दिया।
वो खूबसूरत ही इतना था कि
मजबूरन मैंने उसके नाम
अपना जमाना लिख दिया।।— % &-
देश प्रेम का शोला भरकर
चला भुनाने आजादी।
परदेशी सोने से ज्यादा
प्यारी देश की माटी।।-
अब आये हो तो जरा ठहर कर जाना।
निगाहों से दिल का सफ़र बाकी है।
अभी तो बस एक पन्ना देखा है।
पिक्चर अभी बाकी है।।-
के बिखरे दो जुल्फ़े आज
कयामत हो जाने दो।
आसमान में बैठा है जो सुकूँ
से उसकी आफ़त हो जाने दो।।-
मेरा कोई दाम तो नही
मुझे बे दाम रहने दो।
में बदनाम ही सही
मुझे बदनाम रहने दो।
मत बांधों जुल्फें
सुनहरी शाम रहने दो
इस सावन की घटा को
अबके आम रहने दो।
में बदनाम ही सही मुझे
बदनाम रहने दो।।-