हर बार सब्र आजमाना जरूरी है क्या, दिल को हर वक्त दुखाना जरूरी है क्या, चीजें हमारे हिसाब से नहीं होंगी, मालूम है हमें, मगर हर वक्त हमारे खिलाफ होना जरूरी है क्या।
तुमने बहुत देर कर दी लौट कर आने में, हम तो थक ही चुके थे इस जमाने में, कुछ इश्क सा दिखा था कभी तुम्हारी आँखों में, अब कुछ अजीब ही नजर आता है नजर मिलाने में।
अपने नाम के साथ मेरा नाम लगाओगी क्या, मेरे खाली जीवन को मोहब्बत से भर पाओगी क्या, मैं इंतजार में हूँ कब से तुम्हारे, अब आ भी जाओ, अगर कहीं गलत हुआ तो भी साथ निभाओगी क्या।
साल बदल रहा है, क्या हाल भी बदलेगा, जिंदगी का जो सवाल है, क्या वो सवाल भी बदलेगा, नजर उठा के देख दुनिया को, ये दुनिया अलग सी दिखेगी, आदेश, लोग ये नहीं जानते कि तू न कल बदला था,तू न कल बदलेगा।
बहुत रुलाया है तुमने भी, पर तुम भी अब घबराओगे, कल जब नींद से जागोगे और हमको पास न पाओगे, याद करोगे बातें मेरी, और मन ही मन मुस्कओगे, पर जब समझोगे अपनी करनी, उस पर तुम पछताओगे, तब एहसास तुम्हें ये होगा कि क्या तुमने खोया है, और जो शख्स तुम्हें सदा खुश रखता रातों में कितना रोया है, तुमने तो मन की कर ली, अब मन पर अपने पछताओगे, बहुत रुलाया है तुमने भी, पर तुम भी अब घबराओगे।